Thursday, October 8, 2015

क्या बात है

जिंदगी तो ऐसे चलती रहेगी
             मगर
कुछ अलग हो जाये तो
         "क्या बात है"

नहीं भरने मुझे रंग तरह तरह के हर जगह
               मगर
कोई आके मेरे दिल में रंगोली बना जाये तो
          "क्या बात है"

नहीं कहना मुझे कुछ किसी से कभी
              मगर
कोई बिना कहे सब कुछ समझ जाये तो
         "क्या बात है"

काफी जाने पहचाने चेहरे मिलते हैं मुझे रोज यहाँ
             मगर
अचानक से कोई अनजान चेहरा मेरे सामने आके मुस्करा जाए तो
        "क्या बात है"

जितना है हर कोई खुद के लिए यहाँ       
             मगर
कोई जिंदादिल किसी और के लिए दफ़न हो जाये तो
        "क्या बात है"

ऐसे तो कुछ लिखना मुझे आता नहीं    
             मगर
ये लिखा हुआ आपको पसंद आ जाये एक बार कहना जरूर
        "क्या बात है"

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