Saturday, February 27, 2016

दुनिया बदल जायेंगी

एक लघु कथा...
:
दो भाई थे ।
आपस में बहुत प्यार था।
खेत अलग अलग थे आजु बाजू।
:
बड़े भाई शादीशुदा था ।
छोटा अकेला ।
:
एक बार खेती बहुत अच्छी हुई अनाज बहुत हुआ ।
:
खेत में काम करते करते बड़े भाई ने बगल के खेत में छोटे भाई से खेत देखने का कहकर खाना खाने चला गया।
:
उसके जाते ही छोटा भाई सोचने लगा ।
खेती तो अच्छी हुई इस बार आनाज भी बहुत हुआ ।
मैं तो अकेला हूँ ।
बड़े भाई की तो गृहस्थी है ।
मेरे लिए तो ये अनाज जरुरत से ज्यादा है ।
भैया के साथ तो भाभी बच्चे है ।
उन्हें जरुरत ज्यादा है।
:
ऐसा विचारकर वह 10 बोरे अनाज बड़े भाई के अनाज में डाल देता है।
बड़ा भाई भोजन करके आता है ।
:
उसके आते छोटा भाई भोजन के लिए चला जाता है।
:
भाई के जाते ही वह विचरता है ।
मेरा गृहस्थ जीवन तो अच्छे से चल रहा है...
:
भाई को तो अभी गृहस्थी जमाना है...
उसे अभी जिम्मेदारिया सम्हालना है...
मै इतने अनाज का क्या करूँगा...
:
ऐसा विचारकर वो 10 बोरे अनाज छोटे भाई के खेत में डाल दिया...।
:
दोनों भाई के मन में हर्ष था...
अनाज उतना का उतना ही था और हर्ष स्नेह वात्सल्य बढ़ा हुआ था...।
:
सोच अच्छी रखो प्रेम बढेंगा...
:
      (दुनिया बदल जायेंगी)

Friday, February 26, 2016

प्रेम है कितना ?

कहो,
"प्रेम है कितना ?"
क्या हो ?
इस यक्ष प्रश्न का उत्तर,
कैसे कोई कह पाए “इतना”
प्रेम के अतिरिक्त ; जो भी है
प्राकृतिक, शाश्वत, कालातीत
है व्यक्त किसी न किसी पैमाने में
धरती का घनत्व,समुद्र का आयतन,
नभ की विरलता, जल की तरलता ,
हवा की गति,सूर्य का ताप,
सबका का है कुछ न कुछ माप
पर कहाँ है ?
ह्रदय के आकर्षण, मन की आतुरता
विरह, विकलता की कोई इकाई
प्रेम पर सापेक्षता का सिद्धांत भी लागू नहीं
नहीं बता सकते प्रेम लैला से ज्यादा ,
रोमियो से कम कि फरहाद के बराबर है
वो सब भी तो बस किस्से कहानी में दर्ज हैं

प्रेम का नहीं कोई विश्व रिकार्ड
कोई आंकड़े, सांख्यकी, खाता-बही

जिससे ज्ञात हो सके  प्रेम की पराकाष्ठा,
प्रेम की कोई प्रतियोगिता, कोई ईनाम नहीं,
चूँकि होती प्रेम में जीत -मात नहीं
प्रेम की कोई भाषा, कोई भूगोल नहीं होता
प्रेम का कोई गणित , कोई विज्ञान भी नहीं होता
अगर कुछ होता है तो
प्रेम का बस इतिहास होता है
व्यक्ति, व्यक्तित्व से भी इसका, कोई सरोकार नहीं होता
तभी तो ; कृष्ण को बस राधा ही जी पायी
बुद्ध होकर भी जो सिद्धार्थ ने न जाना,यशोधरा जान गयी
क्रूर हिटलर के दिल की थाह, जोसेफिन ने पायी
साहिर जो न बूझ पाया, अमृता की वो तड़प
इमरोज़ को समझ आयी
प्रेम की वास्तविकता है कि  “प्रेम है !”
चाहो तो है, न चाहो तो भी है
मानो तो है, न मानो तो भी है
समझो तो है, न समझो तो भी है
पा लो तो है, न पा सको तो भी है
प्रेम बस “है”
अब भी अगर जो पूछो “कितना?”, तो
"जितना महसूस कर सको बस उतना"

नोकिया की कहानी

नोकिया को माइक्रोसाफ्ट ने खरीदने पर हुई प्रेस कांफ्रेस में
नोकिया CEO ने अपनी बात का अन्त यह कहते हुये किया कि
"हमने कुछ गलत नहीं किया, लेकिन तब भी हम किसी वजह से खत्म हो गये".
यह कहते ही CEO स्वयं व पूरी नोकिया टीम मैनेजमेण्ट ऑखों से ऑंसू निकलने लगे ।
नोकिया एक नामी कम्पनी थी ।
नोकिया ने अपने ब्यापार में कभी कुछ गलत नहीं किया ।
लेकिन
विश्व में बदलाव बहुत तेजी से आ रहा है ।
उनके प्रतिस्पर्धी ज्यादा शक्तिशाली थे ।
नोकिया ने सीखना छोड़ दिया ।
नोकिया ने बदलाव करना छोड़ दिया ।
और इस प्रकार
नोकिया ने नोकिया को और बड़ा बनने के हाथ में पड़े अवसर को खो दिया ।
नोकिया ने न केवल ज्यादा धन कमाने का अवसर खो दिया,
बल्कि नोकिया का मार्केट में रहने का अवसर ही खत्म हो गया ।

नोकिया की इस कहानी का सार है कि-
यदि आप नहीं बदलोगे, आप प्रतिस्पर्धा से हटा दिये जाओगे ।
गल्ती यह नहीं है,
यदि आप नये तरीके नहीं सीखना चाहते,
लेकिन....
यदि आपकी कार्यप्रणाली, आपके आइडिया, आपके तरीके, आपका माइन्डसेट समय के साथ पकड़ नहीं बनाये है,
तो आप मार्केट से हटा दिये जाओगे ।

निष्कर्ष-:
1.
जो प्लस प्वांइट कल आपके साथ था,
आगे आने वाले कल में नया ट्रेंड स्थान लेगा ।
आप कुछ गलत नहीं कर रहे होंगे,
लेकिन ....
आपके प्रतिस्पर्धी जैसे ही सही रफ्तार पकड़ेंगे,
आप असफल हो सकते हो, आपका मार्केट खत्म हो सकता है ।
2.
स्वयं से बदलाव करना, स्वयं को इम्प्रूव करना अपने आप को दूसरा मौका देने जैसा है ।
किसी अन्य के कारण बदलना पड़े,
तो यह रिजेक्ट, डिस्कार्ड होते जाने जैसा है
जो सीखने और इम्प्रूव करने के लिये मना कर देते हैं,
वो निश्चित ही
आगे किसी दिन के लिये अप्रभावी हो जायेंगे,।
****************

Best fantastic jokes

डॉक्टर : कौन सा साबुन इस्तेमाल करते हो?
संता : बजरंग का नीम वाला साबुन ,
डॉक्टर : कौन सा पेस्ट ?
संता : बजरंग का आयुर्वेदिक पेस्ट ,
डॉक्टर : शैम्पू ?
संता : बजरंग का हर्बल शैम्पू .
डॉक्टर : हेयर आयल ?
संता : बजरंग का आवला तेल ...
डॉक्टर : बजरंग मल्टीनेशनल ब्रांड कंपनी है या पंजाब की मसहूर लोकल कंपनी है ?
संता : नही नही , बजरंग मेरा रूम -मेट है ...

स्पेशल फार्मूला -
अगर पांच सौ लोगों के लिए
शिकंजी बनानी हो तो
दो ढक्कन TIDE मिला दें
क्यूंकि नए TIDE मेँ है
हज़ारों निम्बूओं की शक्ति...

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अगर आप घर में अकेले बैठे बोर होते रहते है तो घर में jk
wall putti लगवाए ...
"दीवारे बोल उठेंगी " .
.
.
फिर खूब बतियाना

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-रात भर मुझे इस बात ने सोने
नहीँ दिया
कि
ज़िन्दगी तो बस चार दिन की हैँ
और
इंटरनेट-पैक मैने 30 दिन
का करवा लिया ।

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वाइफ : मैं हर रोज़ पूजा करती हूँ .. काश एक दिन श्री कृष्णा के दर्शन हो जाये !
हस्बैंड : एक बार मीराबाई बन के ज़हर पीले .. श्री कृष्णा क्या , सारे भगवान के दर्शन हो जायेंगे

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साधू:- बच्चा, तुझे स्वर्ग मिलेगा,
लाओ कुछ दक्षिणा दे जाओ।
लड़का:- ठीक है दक्षिणा में आपको मैंने दिल्ली दी।
आज से दिल्ली आपकी हुई।
साधू :- दिल्ली क्या तुम्हारी है ?
जो मुझे दे रहे हो।
लड़का :- तो स्वर्ग क्या तेरे बाप ने खरीद रखा है,
जो तू उधर के प्लाट यहाँ बांट रहा है।

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अकबर:-सेनापति..! यह बताओ कि हम अनारकली को क्यों नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं..??
सेनापतिः-महाराज, क्योंकि हम मुगल हैं, गुगल नहीं...!!!

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पंजाब रोडवेज BUS के पीछे लिखा हुआ था। :-
जे वाहेगुरु दा हुकम होया ,
तां मंजिल तक पहुचां देवां गे ! "
" जे अंख लग गयी ,
ते वाहेगुरु नाल ही मिला देवांगे! .

Sunday, February 14, 2016

पैसों की ज़रूरत

पिताजी के अचानक आ धमकने से पत्नी तमतमा उठी....“लगता है, बूढ़े को पैसों की ज़रूरत आ पड़ी है,  

वर्ना यहाँ कौन आने वाला था... अपने पेट का गड्ढ़ा भरता नहीं, घरवालों का कहाँ से भरोगे ?”

मैं नज़रें बचाकर दूसरी ओर देखने लगा।

पिताजी नल पर हाथ-मुँह धोकर सफ़र की थकान दूर कर रहे थे।

इस बार मेरा हाथ कुछ ज्यादा ही तंग हो गया।

बड़े बेटे का जूता फट चुका है।वह स्कूल जाते वक्त रोज भुनभुनाता है।

पत्नी के इलाज के लिए पूरी दवाइयाँ नहीं खरीदी जा सकीं।

बाबूजी को भी अभी आना था।
घर में बोझिल चुप्पी पसरी हुई थी।
खाना खा चुकने पर
पिताजी ने मुझे पास बैठने का इशारा किया।

मैं शंकित था कि कोई आर्थिक समस्या लेकर आये होंगे....
पिताजी कुर्सी पर उठ कर बैठ गए। एकदम बेफिक्र...!!!

“ सुनो ” कहकर उन्होंने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा।
मैं सांस रोक कर उनके मुँह की ओर देखने लगा।

रोम-रोम कान बनकर
अगला वाक्य सुनने के लिए चौकन्ना था।

वे बोले... “ खेती के काम में घड़ी भर भी फुर्सत नहीं मिलती।इस बखत काम का जोर है।

रात की गाड़ी से
वापस जाऊँगा। तीन महीने से तुम्हारी कोई चिट्ठी तक
नहीं मिली... जब तुम
परेशान होते हो,

तभी ऐसा करते हो।
उन्होंने जेब से सौ-सौ के पचास
नोट निकालकर मेरी तरफ बढ़ा दिए, “रख लो।
तुम्हारे काम आएंगे। धान की फसल अच्छी हो गई थी।

घर में कोई दिक्कत नहीं है तुम बहुत कमजोर लग रहे हो।ढंग से खाया-पिया करो। बहू का भी ध्यान रखो।

मैं कुछ नहीं बोल पाया।
शब्द जैसे मेरे हलक में फंस कर रह गये हों।

मैं कुछ कहता इससे पूर्व ही पिताजी ने प्यार
से डांटा...“ले लो, बहुत बड़े हो गये हो क्या ..?”

“ नहीं तो।" मैंने हाथ बढ़ाया। पिताजी ने नोट मेरी हथेली पर रख दिए।
बरसों पहले पिताजी मुझे स्कूल भेजने
के लिए इसी तरह हथेली पर अठन्नी टिका देते थे,

पर तब
मेरी नज़रें आजकी तरह झुकी नहीं होती थीं।
दोस्तों एक बात हमेशा ध्यान रखे...

माँ बाप अपने बच्चो पर बोझ हो सकते हैं बच्चे उन पर बोझ कभी नही होते है।

How to live happily

1. जो महिलाएं ऑनलाइन विडियो गेम खेलती हैं, वो अपनी रिलेशनशिप से ज़्यादा खुश रहती है.

2. करीब 1,59,635 लोगों की मृत्यु उसी दिन होगी, जिस दिन आपकी.

3. किसी को 20 सेकंड तक झप्पी देने से ऑक्सीटोसिन स्रावित होता है जो आपको किसी पर ज़्यादा विश्वास करने के लिए प्रेरित करता है.

4. कपल जितना ज़्यादा समय एक दूसरे के साथ रहेंगे उतना कम “I Love You” बोलेंगे.

5. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अगर आपकी दोस्ती 7 साल से ज़्यादा टिक गई है तो संभावित है कि वो ज़िंदगीभर रहेगी.

6. पढ़ते, लिखते या पढ़ाई करते वक़्त म्यूज़िक सुनें. आप बेहतर ध्यान लगा पाएंगे.

7. पुरूष 3 दिन के बाद ही प्यार में पड़ जाते हैं, लेकिन महिलाएं कम से कम 18 डेट्स लेती हैं.

8. Philophobia उस अवस्था को कहते हैं जब आपको प्यार में पड़ने से डर लगने लगता हैं.

9. सुबह 3:00 से 4:00 बजे के बीच आपका शरीर सबसे कमज़ोर होता हैं. यही कारण है कि ज़्यादातर लोगों की नींद में मृत्यु इसी समय होती हैं.

10. जो लोग अपने दुःख को हंसी के पीछे छुपाते हैं, उन्हें “Eccedentesiast” कहते हैं

11. ज़्यादातर लोग रात के समय ज़्यादा भावुक हो कर अपने दिल का हाल बताते हैं, लेकिन SMS के ज़रिये.

12. प्यार में डूबे दो लोग जब एक दूसरे की आंखों में देखते हैं तो उनकी धड़कनें भी मिल जाती हैं.

13. Lethologica उस अवस्था को कहते हैं जब आप किसी एक शब्द को याद नहीं कर पाते हैं और दिन भर उसी के बारे में सोचते रहते हैं.

14. जब आप किसी से पैदल चलते हुए बात करते हैं तो थोड़ी देर बाद आपके कदम अपने आप सिंक्रोनाइज हो जाते हैं.

15. बुरी लिखावट से परेशान हैं? मत होइए, क्योंकि बुद्धिमान लोगो का दिमाग तेज चलता हैं, जिसके कारणवश वो जल्दी-जल्दी लिखते हैं. इसलिए बुरी लिखावट आती हैं.

16. एक मनोवैज्ञानिक शोध कहता है कि जब आप सिंगल होते हैं, तो हर जगह आपको खुश कपल्स दिखेंगे, लेकिन जब आप रिलेशनशिप में होते हैं, तब आपको खुश सिंगल ज्यादा दिखेंगे.

17. ये वाक्य पढ़ने के बाद जिस इंसान का ख्याल आपके दिमाग में सबसे पहले आएगा, वो आपको बहुत प्रिय हैं.

तो कमेंट कर के जरूर बताना कि किसका चेहरा आपको सबसे पहले दिखा और इस आर्टिकल को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें.

Thursday, February 11, 2016

THIS IS HOW FRIENDSHIP BREAKS

THIS IS HOW FRIENDSHIP BREAKS

Both friends will think that they are too busy

They will not contact each  other thinking it may be disturbing

As time passes, both will think... "let the other contact me"

After a while, each will think... "why should I contact first?"

Here, your love will gradually be converted to pride

Finally, without contact, the memory becomes weak

They forget each other.....

One day they will meet and blame one another

So, let's keep in touch, my dear friend

I don’t wanna be one of those kind of friends

So here I am saying,
I miss you! And hope that all is well with you?

Life is no fun without FRIENDS

It's "World Best Friends Week." Send this to all your good friends. Even me, if I am one of them.

D E D I C A T E D To All My Lovely Friends

A frndsip story:

1st friend: See I bought a new Cell phone
2nd friend: Wow, come--on you have to give a party and then I will give you a gift

In the evening they went to a hotel
(after dinner)
2nd friend: How did you arrange for money for the  party ??

1st friend: I sold my Cell phone.......
How can I be happy without you being happy ?.....

2nd friend: You idiot, I knew you would do something like this...
That's why I bought back the phone which you sold. Here is your gift..!

"It is not friends in Life ...
  Life is friendship......
Which is true friendship:-*
NICE Rules Of
  F. R. I. E. N. D. S. H. I. P

              NEVER ASK
                For A Hug
              Just Take It

                NEVER ASK
            "Do U miss me?"
               Say "I Miss U"

                 NEVER ASK
           "Can U Help Me?"
        Say "Do This For Me"

                 NEVER SAY
       I Can't Live Without U
               Say I Live 4 U

LAST But Not The LEAST

               NEVER SAY
Thankyou, Sorry, Please,
Instead Say Anytime 4 U

          D E D I C A T E D
To All My Lovely Friends 
friends in your life

Wednesday, February 10, 2016

Life Cycle

Teacher - What is Life Cycle.
Student - Its Hard to pedal a cycle, so we shift to a bike...then we shift to more comfort, we buy a car...because of that we develop a tummy & join the Gym. In the Gym they again give you a cycle ...this is called a "Life Cycle"

जीवन चलने का नाम हैं।

जीवन चलने का नाम हैं।

जीवन प्रतिपल परिवर्तनशील है एवम् इसी परिवर्तन को ही अपनाते चलना ही जीवंतता हैं। हमारी चेतना ही हमें सिखने-सिखाने की प्रक्रिया में सलग्न कर हमारे जीवन को चलायमान रखती हैं।

जड़ व चेतन दोनों का आग्रह अपरिवर्तित रहने का रहता है। जड़ में वांछित परिवर्तन हेतु एक निर्धारित बल का प्रयोग पर्याप्त होता है जबकि चेतन में परिवर्तन कर पाना एक कठिन चुनोती रहता हैं।

चेतन में परिवर्तन करना एक सामजिक, मनोवैज्ञानिक एवम् शैक्षिक प्रयास है एवम् अहम्, संस्कार, मान्यता, पूर्वज्ञान इत्यादि इसके प्रमुख अवरोध हैं। इन अवरोधों के कारण ही असन्तोष, विवाद एवम् प्रदर्शन विकसित होंते हैं।

एक मनुष्य होने के नाते हमें जनकल्याणकारी एवम् मानवोपयोगी परिवर्तनों को सहज स्वीकार कर परिवर्तन में सहायक भूमिका निर्वहन करनी चाहिए। किसी भी परिवर्तन के आकलन की सर्वोत्तम कसौटी हमारी आत्मा है एवम् आत्मा की आवाज़ ही ईश्वरीय सन्देश भी हैं।

जीवन चलने का नाम है एवम् बहुत छोटी कालावधि हेतु प्राप्य है अतः इसमें टकराव की अपेक्षा सार्थक उद्देश्य में संसाधनों का निवेश बेहतर विकल्प हैं।

भगवान श्री कृष्ण के जीवन सी जुड़ी 24 अनसुनी बाते

भगवान श्री कृष्ण के जीवन सी जुड़ी 24 अनसुनी बातें

Shri Krishna
ज़रूर पढ़ें और पढ़ायें और 1 बार कहे – जय श्री कृष्ण

1. भगवान श्री कृष्ण के खड्ग का नाम ‘नंदक’, गदा
का नाम ‘कौमौदकी’ और शंख का नाम ‘पांचजन्य’ था जो गुलाबी रंग का था।

2. भगवान् श्री कॄष्ण के परमधामगमन के समय ना तो
उनका एक भी केश श्वेत था और ना ही उनके शरीर पर कोई झुर्री थीं।

3.भगवान् श्री कॄष्ण के धनुष का नाम शारंग व मुख्य
आयुध चक्र का नाम ‘ सुदर्शन’ था। वह लौकिक , दिव्यास्त्र व देवास्त्र तीनों रूपों में कार्य कर सकता था
उसकी बराबरी के विध्वंसक केवल दो अस्त्र और थे पाशुपतास्त्र ( शिव , कॄष्ण और अर्जुन के पास
थे) और प्रस्वपास्त्र ( शिव , वसुगण , भीष्म और
कॄष्ण के पास थे) ।

4. भगवान् श्री कॄष्ण की परदादी ‘मारिषा’ व सौतेली मां रोहिणी( बलराम की मां) ‘नाग’ जनजाति
की थीं.

5. भगवान श्री कॄष्ण से जेल में बदली गई यशोदापुत्री का नाम एकानंशा था, जो आज विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजी जातीं हैं।

6. भगवान् श्री कॄष्ण की प्रेमिका ‘राधा’ का वर्णन महाभारत, हरिवंशपुराण, विष्णुपुराण व भागवतपुराण में नहीं है। उनका उल्लेख बॄम्हवैवर्त पुराण, गीत गोविंद व प्रचलित जनश्रुतियों में रहा है।

7. जैन परंपरा के मुताबिक, भगवान श्री कॄष्ण के
चचेरे भाई तीर्थंकर नेमिनाथ थे जो हिंदू परंपरा में ‘घोर
अंगिरस’ के नाम से प्रसिद्ध हैं.

8. भगवान् श्री कॄष्ण अंतिम वर्षों को छोड़कर कभी भी द्वारिका में 6 महीने से अधिक नहीं रहे।

9. भगवान श्री कृष्ण ने अपनी औपचारिक शिक्षा उज्जैन के संदीपनी आश्रम में मात्र कुछ महीनों में पूरी कर ली थी।

10. ऐसा माना जाता है कि घोर अंगिरस अर्थात नेमिनाथ के यहाँ रहकर भी उन्होंने साधना की
थी.

11. प्रचलित अनुश्रुतियों के अनुसार, भगवान श्री
कॄष्ण ने मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में किया था और डांडिया रास उसी का नॄत्य रूप है।

’12. कलारीपट्टु’ का प्रथम आचार्य कॄष्ण को माना
जाता है। इसी कारण ‘नारायणी सेना’ भारत की सबसे भयंकर प्रहारक सेना बन गई थी।

13. भगवान श्रीकृष्ण के रथ का नाम ‘जैत्र’ था और
उनके सारथी का नाम दारुक/ बाहुक था। उनके घोड़ों
(अश्वों) के नाम थे शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प और बलाहक।

14. भगवान श्री कृष्ण की त्वचा का रंग मेघश्यामल था और उनके शरीर से एक मादक गंध
स्रावित होती थी.

15. भगवान श्री कॄष्ण की मांसपेशियां मृदु परंतु युद्ध के समय विस्तॄत हो जातीं थीं, इसलिए सामन्यतः लड़कियों के समान दिखने वाला उनका लावण्यमय
शरीर युद्ध के समय अत्यंत कठोर दिखाई देने लगता था ठीक ऐसे ही लक्ष्ण कर्ण, द्रौपदी व कॄष्ण के शरीर में देखने को मिलते थे।

16. जनसामान्य में यह भ्रांति स्थापित है कि अर्जुन सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे, परंतु वास्तव में कॄष्ण इस विधा में भी सर्वश्रेष्ठ थे और ऐसा सिद्ध हुआ मद्र राजकुमारी
लक्ष्मणा के स्वयंवर में जिसकी प्रतियोगिता द्रौपदी स्वयंवर के ही समान परंतु और कठिन थी।

17. यहां कर्ण व अर्जुन दोंनों असफल हो गये और तब श्री कॄष्ण ने लक्ष्यवेध कर लक्ष्मणा की इच्छा पूरी की, जो पहले से ही उन्हें अपना पति मान चुकीं
थीं।

18. भगवान् श्री युद्ध कृष्ण ने कई अभियान और
युद्धों का संचालन किया था, परंतु इनमे तीन सर्वाधिक
भयंकर थे। 1- महाभारत, 2- जरासंध और कालयवन के विरुद्ध, 3- नरकासुर के विरुद्ध

19. भगवान् श्री कृष्ण ने केवल 16 वर्ष की आयु में विश्वप्रसिद्ध चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया. मथुरा में दुष्ट रजक के सिर
को हथेली के प्रहार से काट दिया.

20. भगवान् श्री कॄष्ण ने असम में बाणासुर से युद्ध
के समय भगवान शिव से युद्ध के समय माहेश्वर ज्वर के विरुद्ध वैष्णव ज्वर का प्रयोग कर विश्व का प्रथम ‘जीवाणु युद्ध’ किया था।

21. भगवान् श्री कॄष्ण के जीवन का सबसे भयानक द्वंद युद्ध सुभुद्रा की प्रतिज्ञा के कारण अर्जुन के साथ हुआ था, जिसमें दोनों ने अपने अपने सबसे विनाशक शस्त्र क्रमशः सुदर्शन चक्र और पाशुपतास्त्र निकाल
लिए थे। बाद में देवताओं के हस्तक्षेप से दोंनों शांत हुए।

22. भगवान् श्री कृष्ण ने 2 नगरों की स्थापना की थी द्वारिका (पूर्व मे कुशावती) और पांडव पुत्रों के द्वारा इंद्रप्रस्थ ( पूर्व में खांडवप्रस्थ)।

23. भगवान् श्री कृष्ण ने कलारिपट्टू की नींव रखी जो बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुई।

24. भगवान् श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवतगीता के रूप में आध्यात्मिकता की वैज्ञानिक व्याख्या दी, जो मानवता के लिए आशा का सबसे बडा संदेश थी, है और सदैव
रहेगी.