नोकिया को माइक्रोसाफ्ट ने खरीदने पर हुई प्रेस कांफ्रेस में
नोकिया CEO ने अपनी बात का अन्त यह कहते हुये किया कि
"हमने कुछ गलत नहीं किया, लेकिन तब भी हम किसी वजह से खत्म हो गये".
यह कहते ही CEO स्वयं व पूरी नोकिया टीम मैनेजमेण्ट ऑखों से ऑंसू निकलने लगे ।
नोकिया एक नामी कम्पनी थी ।
नोकिया ने अपने ब्यापार में कभी कुछ गलत नहीं किया ।
लेकिन
विश्व में बदलाव बहुत तेजी से आ रहा है ।
उनके प्रतिस्पर्धी ज्यादा शक्तिशाली थे ।
नोकिया ने सीखना छोड़ दिया ।
नोकिया ने बदलाव करना छोड़ दिया ।
और इस प्रकार
नोकिया ने नोकिया को और बड़ा बनने के हाथ में पड़े अवसर को खो दिया ।
नोकिया ने न केवल ज्यादा धन कमाने का अवसर खो दिया,
बल्कि नोकिया का मार्केट में रहने का अवसर ही खत्म हो गया ।
नोकिया की इस कहानी का सार है कि-
यदि आप नहीं बदलोगे, आप प्रतिस्पर्धा से हटा दिये जाओगे ।
गल्ती यह नहीं है,
यदि आप नये तरीके नहीं सीखना चाहते,
लेकिन....
यदि आपकी कार्यप्रणाली, आपके आइडिया, आपके तरीके, आपका माइन्डसेट समय के साथ पकड़ नहीं बनाये है,
तो आप मार्केट से हटा दिये जाओगे ।
निष्कर्ष-:
1.
जो प्लस प्वांइट कल आपके साथ था,
आगे आने वाले कल में नया ट्रेंड स्थान लेगा ।
आप कुछ गलत नहीं कर रहे होंगे,
लेकिन ....
आपके प्रतिस्पर्धी जैसे ही सही रफ्तार पकड़ेंगे,
आप असफल हो सकते हो, आपका मार्केट खत्म हो सकता है ।
2.
स्वयं से बदलाव करना, स्वयं को इम्प्रूव करना अपने आप को दूसरा मौका देने जैसा है ।
किसी अन्य के कारण बदलना पड़े,
तो यह रिजेक्ट, डिस्कार्ड होते जाने जैसा है
जो सीखने और इम्प्रूव करने के लिये मना कर देते हैं,
वो निश्चित ही
आगे किसी दिन के लिये अप्रभावी हो जायेंगे,।
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