Friday, October 30, 2015

Life is beautiful...

Charlie Chaplin told the audience a wonderful joke and all the people started laughing...

Chapline repeated the same joke and only few people laughed..

He again repeated the same joke but this time no one laughed...

Then he told these beautiful lines...;

" when you cannot laugh on the same joke again and again...
then why do you cry again and again on the same worry"

So enjoy your every moment of life..!!
Life is beautiful...

दुख और सुख सिक्के के दो पहलू हैं।

आज का संदेश- -::

एक बार एक नवयुवक किसी साधु महात्मा के पास पहुंचा।

“महात्मा जी, मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत परेशान हूँ, कृपया इस परेशानी से निकलने का उपाय बताएं !”  युवक बोला।

महात्मा जी बोले, “ पानी के ग्लास में एक मुट्ठी नमक डालो और उसे पीयो।”

युवक ने ऐसा ही किया।

“इसका स्वाद कैसा लगा ?”  महात्मा ने पुछा।

“बहुत ही खराब …  एकदम खारा” –  युवक थूकते हुए बोला।

महात्मा जी मुस्कुराते हुए बोले, “एक बार फिर अपने हाथ में एक मुट्ठी नमक लेलो और मेरे पीछे - पीछे आओ।“

दोनों धीरे - धीरे आगे बढ़ने लगे और थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी एक झील के सामने रुक गए।

“चलो, अब इस नमक को पानी में दाल दो।”  महात्मा जी ने निर्देश दिया।

युवक ने ऐसा ही किया।

“अब इस झील का पानी पियो।”  महात्मा  बोले।

युवक पानी पीने लगा …

एक बार फिर महात्मा ने पूछा:  “बताओ इसका स्वाद कैसा है, क्या अभी भी तुम्हे ये खरा लग रहा है ?”

“नहीं, ये तो मीठा है, बहुत अच्छा है”  युवक बोला--

महात्मा जी ने युवक के बगल में बैठ गए और उसका हाथ थामते हुए बोले, “जीवन के दुःख बिलकुल नमक की तरह हैं; न इससे कम ना ज्यादा। जीवन में दुःख की मात्र वही रहती है, बिलकुल वही। लेकिन हम कितने दुःख का स्वाद लेते हैं ये इस पर निर्भर करता है कि हम उसे किस पात्र में डाल रहे हैं। इसलिए जब तुम दुखी हो तो सिर्फ इतना कर सकते हो कि खुद को बड़ा कर लो…  ग़्लास मत बने रहो झील बन जाओ।”

Moral of the Story--:
दुख और सुख सिक्के के दो पहलू हैं। दुख को टाला नहीं जा सकता लेकिन अपने विवेक और समझ से उस पर काबू किया जा सकता है। आप अपना नजरिया बड़ा और सकारात्मक कर लेगें तो दुःख छोटा नज़र आएगा।

Monday, October 26, 2015

Earthquake Special

‬ऊपर वाले की एक मिस कॉल से पूरा इंडिया दहशत में है।। अगर फ़ोन आया तो क्या होगा
प्रकृति समय-समय पर इंसान को रिमाइंडर देती रहती है कि तू किरायेदार की तरह रह, मालिक बनने की कोशिश मत कर। #Earthquake Special#
‬: पहले बारिश
फिर ओले
अब धरती भी डोले

Coincidence(संयोग) of 26

यह कोई मजाक नहीं !
बल्कि इसका जादू
आपको
अचम्भित कर देगा.....
यह एक संयोग है ???

चीन भूकंप
26 जुलाई 1976

गुजरात भूकंप
26 जनवरी 2001

हिंद महासागर में सुनामी
26 दिसंबर 2004

मुंबई हमले (26/11)
26 नवंबर 2008

ताइवान में आए भूकंप
26 जुलाई 2010

जापान भूकंप
26 फ़रवरी 2010

अब नेपाल में भूकंप
26 अप्रैल 2015

क्यों यह हमेशा "26" है ?
यह एक मात्र संयोग है या
इसे गंभीरता पर
सोचने के लिए
God..Need से
एक समय पर
याद आता है !!!

रोड्स भूकंप
26 जून 1926

उत्तरी अमेरिका में भूकंप
26 जनवरी 1700

यूगोस्लाविया भूकंप
26 जुलाई 1963

मेरापी ज्वालामुखी विस्फोट
26 अक्टूबर 2010

बैम, ईरान में आए भूकंप में
26 दिसम्बर 2003
(60,000 मृत)

सबा ज्वारीय लहरों
26 दिसंबर 1996
(1,000 मृत)

तुर्की earthquke
26 दिसंबर 1939
(41,000 मृत)

Kansu,
चीन में आए भूकंप
26 दिसम्बर 1932
(70,000 मृत)

पुर्तगाल भूकंप
26 जनवरी 1951
(30,000 मृत)

Krakatau
ज्वालामुखी विस्फोट
26 अगस्त 1883
(36,000 मृत)

आचे सुनामी 
26 दिसंबर 2004

Tasik भूकंप
26 जून 2010

चीन भूकंप
26 जुलाई 1976

ताइवान में भूकंप
26 जुलाई 2010

जापान भूकंप 
26 फ़रवरी 2010

Mentawai सुनामी
26 अक्टूबर 2010

गुजरात भूकंप
26 जनवरी 2001

मुंबई में बाढ़
26 जुलाई 2005

अब नेपाल भूकंप
26 अप्रैल 2015

क्यों यह हमेशा "26" है?
यह सिर्फ एक संयोग है?

aaj bhi 26 ⛳

Why you should not marry in same gotra

एक गोत्र में शादी क्यूँ नहीं....
वैज्ञानिक कारण हैं..

एक दिन डिस्कवरी पर जेनेटिक
बीमारियों से सम्बन्धित एक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम
देख रहा था ... उस प्रोग्राम में एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा की जेनेटिक बीमारी न हो इसका एक ही इलाज है और वो है "सेपरेशन ऑफ़
जींस".. मतलब अपने नजदीकी रिश्तेदारो में विवाह नही करना चाहिए ..क्योकि नजदीकी
रिश्तेदारों में जींस सेपरेट (विभाजन) नही हो पाता और जींस लिंकेज्ड
बीमारियाँ जैसे हिमोफिलिया, कलर ब्लाईंडनेस, और
एल्बोनिज्म होने की १००% चांस होती है ..
फिर मुझे
बहुत ख़ुशी हुई जब उसी कार्यक्रम में ये
दिखाया गया की आखिर हिन्दूधर्म में
हजारों सालों पहले जींस और डीएनए के बारे में
कैसे
लिखा गया है ? हिंदुत्व में कुल सात गोत्र होते
है
और एक गोत्र के लोग आपस में शादी नही कर
सकते
ताकि जींस सेपरेट (विभाजित) रहे.. उस वैज्ञानिक ने
कहा की आज पूरे विश्व
को मानना पड़ेगा की हिन्दूधर्म ही विश्व का
एकमात्र
ऐसा धर्म है जो "विज्ञान पर आधारित" है !
हिंदू परम्पराओं से जुड़े ये वैज्ञानिक तर्क:

1- कान छिदवाने की परम्परा:

भारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क-
दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्त‍ि बढ़ती है। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है और कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता है।

2-: माथे पर कुमकुम/तिलक

महिलाएं एवं पुरुष माथे पर कुमकुम या तिलक लगाते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- आंखों के बीच में माथे तक एक नस जाती है। कुमकुम या तिलक लगाने से उस जगह की ऊर्जा बनी रहती है। माथे पर तिलक लगाते वक्त जब अंगूठे या उंगली से प्रेशर पड़ता है, तब चेहरे की त्वचा को रक्त सप्लाई करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है। इससे चेहरे की कोश‍िकाओं तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता

3- : जमीन पर बैठकर भोजन

भारतीय संस्कृति के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात होती है।
वैज्ञानिक तर्क- पलती मारकर बैठना एक प्रकार का योग आसन है। इस पोजीशन में बैठने से मस्त‍िष्क शांत रहता है और भोजन करते वक्त अगर दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस पोजीशन में बैठते ही खुद-ब-खुद दिमाग से एक सिगनल पेट तक जाता है, कि वह भोजन के लिये तैयार हो जाये।

4- : हाथ जोड़कर नमस्ते करना

जब किसी से मिलते हैं तो हाथ जोड़कर नमस्ते अथवा नमस्कार करते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, ताकि सामने वाले व्यक्त‍ि को हम लंबे समय तक याद रख सकें। दूसरा तर्क यह कि हाथ मिलाने (पश्च‍िमी सभ्यता) के बजाये अगर आप नमस्ते करते हैं तो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते। अगर सामने वाले को स्वाइन फ्लू भी है तो भी वह वायरस आप तक नहीं पहुंचेगा।

5-: भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से

जब भी कोई धार्मिक या पारिवारिक अनुष्ठान होता है तो भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से होता है।
वैज्ञानिक तर्क- तीखा खाने से हमारे पेट के अंदर पाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक तरह से संचालित होता है। अंत में मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है। इससे पेट में जलन नहीं होती है।

6-: पीपल की पूजा
तमाम लोग सोचते हैं कि पीपल की पूजा करने से भूत-प्रेत दूर भागते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- इसकी पूजा इसलिये की जाती है, ताकि इस पेड़ के प्रति लोगों का सम्मान बढ़े और उसे काटें नहीं। पीपल एक मात्र ऐसा पेड़ है, जो रात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता ह

7-: दक्ष‍िण की तरफ सिर करके सोना

दक्ष‍िण की तरफ कोई पैर करके सोता है, तो लोग कहते हैं कि बुरे सपने आयेंगे, भूत प्रेत का साया आ जायेगा, आदि। इसलिये उत्तर की ओर पैर करके सोयें।
वैज्ञानिक तर्क- जब हम उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं, तब हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में आ जाता है। शरीर में मौजूद आयरन यानी लोहा दिमाग की ओर संचारित होने लगता है। इससे अलजाइमर, परकिंसन, या दिमाग संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं रक्तचाप भी बढ़ जाता है।

8-सूर्य नमस्कार
हिंदुओं में सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क- पानी के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब आंखों में पहुंचती हैं, तब हमारी आंखों की रौशनी अच्छी होती है।

9-सिर पर चोटी

हिंदू धर्म में ऋषि मुनी सिर पर चुटिया रखते थे। आज भी लोग रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- जिस जगह पर चुटिया रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसें आकर मिलती हैं। इससे दिमाग स्थ‍िर रहता है और इंसान को क्रोध नहीं आता, सोचने की क्षमता बढ़ती है।

10-व्रत रखना

कोई भी पूजा-पाठ या त्योहार होता है, तो लोग व्रत रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- आयुर्वेद के अनुसार व्रत करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सीफिकेशन होता है, यानी उसमें से खराब तत्व बाहर निकलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह, आदि रोग भी जल्दी नहीं लगते।

11-चरण स्पर्श करना

हिंदू मान्यता के अनुसार जब भी आप किसी बड़े से मिलें, तो उसके चरण स्पर्श करें। यह हम बच्चों को भी सिखाते हैं, ताकि वे बड़ों का आदर करें।
वैज्ञानिक तर्क- मस्त‍िष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों और सामने वाले पैरों से होते हुए एक चक्र पूरा करती है। इसे कॉसमिक एनर्जी का प्रवाह कहते हैं। इसमें दो प्रकार से ऊर्जा का प्रवाह होता है, या तो बड़े के पैरों से होते हुए छोटे के हाथों तक या फिर छोटे के हाथों से बड़ों के पैरों तक।

12-क्यों लगाया जाता है सिंदूर

शादीशुदा हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाती हैं।
वैज्ञानिक तर्क- सिंदूर में हल्दी, चूना और मरकरी होता है। यह मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। चूंकि इससे यौन उत्तेजनाएं भी बढ़ती हैं, इसीलिये विधवा औरतों के लिये सिंदूर लगाना वर्जित है। इससे स्ट्रेस कम होता है।

13- तुलसी के पेड़ की पूजा
तुलसी की पूजा करने से घर में समृद्ध‍ि आती है। सुख शांति बनी रहती है।
वैज्ञानिक तर्क- तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। लिहाजा अगर घर में पेड़ होगा, तो इसकी पत्त‍ियों का इस्तेमाल भी होगा और उससे बीमारियां दूर होती हैं।

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��जय श्री राधे राधे जी ��

����ramod खणडेलवाल सेवद बडी ��

देवी देवता के फोटो वाले पटाखे नहीं लेंवें

कुछ दिनों के बाद दीपावली आ रही है लगभग 90% घरों में खूब सारे पटाखे भी आएंगे पटाखे लाइए क्योंकि आपका पैसा है और आप इसे कहीं भी लगा सकते हैं कुछ भी खरीद सकते हैं लेकिन आप सबसे मेरा करबद्ध निवेदन है क़ि जिस पटाखे पर किसी देवी देवता की फोटो बनी हो उसे न खरीदें और दुकानदार से डायरेक्ट कह भी दें की मुझे देवी देवता के फोटो वाले पटाखे नहीं चाहिए इससे ये फर्क पड़ेगा क़ि अगली बार दुकानदार ऐसे पटाखे नही लाएगा और जब ऐसे पटाखे बिकेंगे ही नही तो बनने ही बन्द हो जायेंगे क्योकि ऐसे पटाखे मुस्लिम समुदाय के लोग ही बनाते हैं क्योंकि उनकी सोच ये है की हिन्दू लोग खुद अपने ही हाथों से अपने देवी देवताओं को जलाएंगे और पैरों के नीचे कुचलेंगे और ऐसा होता भी है लेकिन हम लोग थोड़ी सी समझदारी से उनके मनसूबों पर पानी फेर सकते हैं पहले तो एक एक लोगों से ये बताना मुमकिन नही था लेकिन आज व्हाट्सऐप पर सब कुछ मुमकिन है ये मैसेज आग की तरह फैला दीजिये ताकि कोई भी हिन्दू ऐसे पटाखे न ख़रीदे  मैं और लोंगों की तरह इस मैसेज को शेयर करने के लिए कोई कसम भी नही दूंगl क्योंकि मैं जानतl हूँ कि हमारे ग्रुप में सब खुद समझदार हैं ।

यह देश किसका है?

यह देश किसका है?
मातृ भूमि भारत प्रथम दृष्टि में उनकी प्रतीत होती है जो कि यहाँ निवास करते हैं परन्तु यह पर्याप्त उत्तर नही हो सकता। यहाँ अनेकों ऐसे लोग निवास करते है जिनके यहाँ निवास सम्भव नहीं यथा बांग्लादेशी। ऐसे भी अनेक लोग निवास करते है जिनको वहाँ स्थान नहीं जहा वो जाना चाहते हैं।अनेको ऐसे है जिनकी मज़बूरी हैं। ऐसे भी अनेक है जिनको यहाँ रहने से फायदा हैं।
देश दरअसल उनका होता है जो अपनी मिटटी से प्यार करते हो तथा उसके लिए अपना सर्वस्व लुटाने के लिए तैयार हो जैसे राणा प्रताप, शिवाजी, भगत सिंह और ऐसे ही लाखो। करोडो।
देश उनका भी नहीं जो पहले राज करते थे। देश उनका भी नहीं जो आज राज करते हो और उनका भी नहीं जो राज करेंगे।
देश तो उनका है जो इसकी गोद में खेले, इसके सपनो में सोवे। आज जरुरत है ऐसे लोगों की जो बिना सवाल इसकी संस्कृति और मर्यादा की रक्षा करे।

Sunday, October 25, 2015

Collection of Best messages

Collection of Best messages :

मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का.....

मशवरा तो खूब देते हो
"खुश रहा करो" कभी कभी वजह भी दे दिया करो...

कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं....

गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी
साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं

मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए....

जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..

बचपन भी कमाल का था
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...

खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं...

अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....

जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है..सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...

खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है...

ज़िंदगी भी विडियो गेम सी हो गयी है  एक लैवल क्रॉस करो तो अगला लैवल और मुश्किल आ जाता हैं.....

इतनी चाहत तो लाखो
रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......

हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो , क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है ..

Saturday, October 24, 2015

ऐसी होती है माँ..

एक माँ चटाई पर लेटी आराम से सो रही थी......
मीठे सपनों से अपने मन को भिगो रही थी.......

तभी उसका बच्चा यूँ ही घूमते हुये समीप आया....
माँ के तन को छूकर हल्के हल्के से हिलाया.....

माँ अलसाई सी चटाई से बस थोड़ा उठी ही थी....
तभी उस नन्हें ने हलवा खाने की जिद कर दी....

माँ ने उसे पुचकारा और अपनी गोदी में ले लिया.....
फिर पास ही रखे ईटों के चूल्हे का रुख किया....

फिर उसने चूल्हे पर एक छोटी सी कढाई रख दी...
और आग जलाकर कुछ देर मुन्ने को ताकती रही....

फिर बोली बेटा जब तक उबल रहा है ये पानी....
क्या सुनोगे तब तक कोई परियों बाली कहानी...

मुन्ने की आंखें अचानक खुशी से थी खिल गयी....
जैसे उसको कोई मुँह मांगी मुराद ही मिल गयी...

माँ उबलते हुये पानी में कल्छी ही चलती रही....
परियों का कोई किस्सा मुन्ने को सुनाती रही....

फिर वो बच्चा उन परियों में ही जैसे खो गया....
चटाई पर बैठे बैठे ही लेटा और फिर वहीं सो गया.....

माँ ने उसे गोद में ले लिया और धीरे से मुस्कायी.....
फिर न जाने क्यूँ उसकी आंख भर आयी.....

जैसा दिख रहा था वहां पर, सब वैसा नहीं था.....
घर में रोटी की खातिर एक पैसा भी नहीं था....

राशन के डिब्बों में तो बस सन्नाटा पसरा था....
कुछ बनाने के लिए घर में कहाँ कुछ धरा था....

न जाने कब से घर में चूल्हा ही नहीं जला था.....
चूल्हा भी तो माँ के आंसुओं से ही बुझा था......

फिर मुन्ने को वो बेचारी हलवा कहां से खिलाती....
अपने जिगर के टुकड़े को रोता भी कैसे देख पाती.....

अपनी मजबूरी उस नन्हें मन को मां कैसे समझाती....
या फिर फालतू में ही मुन्नें पर क्यों झुंझलाती.....

हलवे की बात वो कहानी में टालती रही.....
जब तक वो सोया नहीं बस पानी उबालती रही.....

ऐसी होती है माँ..

कही चाँद राहों मे खो गया

कही चाँद राहों मे खो गया कही चाँदनी भी भटक गयी, 
मै चिराग वो भी बुझा हुआ मेरी रात कैसे संवर गयी !

मेरी दास्तान का वजूद है तेरी नरम पलकों की छाँव मे,
मेरे साथ था तुझे जगना तेरी आँख कैसे झपक गयी !

तुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब ना हो सकी ,
तेरी याद शाखें गुलाब है जो हवा चली वो लचक गयी

कोई दर्द जी का बटाये क्या  कोई चोट दिल की  दिखाये  क्या ,
ये बहार कितनी अजीब है मेरे जख्म फूलों से ढँक गये 

तेरे हाथ से मेरे होंठ तक वही इंतजार की प्यास है ,
मेरे नाम की जो शराब थी कही रास्ते मे छलक गयी !

कभी हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरीया  वही फासले ,
न कभी हमारे कदम बढे ना कभी तुम्हारी झिझक गयी !
                 

Friday, October 23, 2015

तभी अधर्म का नाश होगा...

लंकापति रावण का सन्देश....

मैं अधर्मी नही.....अत्याचारी नही...राक्षस नही.... पर क्यूँ जलाया जाता हूँ ....

@..मैं लंका का राजा था अरुण वरुण और कुबेर मेरी मुट्ठी में थे कभी अकाल नही पड़ता था जनता खुश थी कोई आत्महत्या नही करता था मेरे राज्य में सब बराबर थे कोई ऊंच नीच जातिवाद छुआ छूत नही था..!

@..दुष्टों ने मुझे घमंडी कहा राजा के पास गुरुर नही होगा तो किसके पास होगा..?

@..मैं न्याय प्रिय था मेरी बहन सूर्पनखा ने लक्ष्मण से प्यार का इजहार किया तो आर्य पुत्र लक्ष्मण ने मेरी बहन की  नाक काट दी (नाक कटना अर्थात इज्जत जाना)...
बहन की नाक कटेगी तो कौन भाई चुप बैठेगा..?

@..मैंने सीता का हरण  किया लेकिन अपने महल में नही ले गया सीता के साथ कभी गलत हरकत नही की तो दुष्ट और पापी कैसा..?

@..मेरा दस सिर नही था दसों दिशाओं को दसों इन्द्रियों को एक साथ काबू में रखता था..दुष्टों ने मुझे दस सिर वाला कहकर बदनाम कर दिया..!

@..मैं राक्षस नही था ये आर्यों के दूत ऋषि मुनि खुद तो काम नही करते थे वे भोले भाले किसानों से अन्न छीनकर यज्ञ हवन के नाम से जला देते थे ताकि जनता भूख से मर जाय...वे लोग यज्ञ के नाम से जंगल को जलाकर नुक्सान करते थे...!
इसिलिये मैं उन सबकी रक्षा करता था तब दुष्टों ने षड्यंत्र कर  मुझे राक्षस नाम दे दिया..!

@..अत्याचारी अधर्मी मैं नही था..बाली को छिप कर मारने का अधर्म काम आर्य पुत्र राम ने किया...!!

@..हमारे यहां राजा बनने की कभी कलह नही होती थी...अयोध्या में राजा बनने की कलह हुई जिसमे बेचारा दशरथ का प्राण गया तो अधर्मी कौन हुआ..?

अधर्म के नाम पर मुझे क्यूँ जलाया जाता है......

यदि अधर्म का नाश करना है तो....

जलाना है तो उन आजकल के राजा बने उन नेताओं को जलाओ....जिनके दस नही हजार सिर हैं.....

जलाना है तो सफेद खादी वस्त्र धारण किये उन पाखंडियों को जलाओ जो धर्म और जाति के नाम पर उंच नीच में समाज को बाँट रहे हैं....

जलाना है तो उन पाखंडी नेताओं को जलाओ जो अपना उल्लू सीधा करने के लिए आम जनता को गुमराह कर लूट रहे हैं...

जलाना हैं तो उन पाखंडी साधु संतों को जलाओ जो धर्म के नाम पर बहु बेटियों का शारीरिक शोषण कर रहे हैं....

तभी अधर्म का नाश होगा...

अच्छी घटना को सदेव याद रखना चाहिए !

दो भाई   समुद्र के किनारे टहल रहे थे,
दोनों के बीच किसी बात को लेकर
बेहस हो गई,
बड़े भाई ने छोटे भाई को थप्पड़ मार दिया ,
छोटे भाई ने कुछ नहीं कहा
सिर्फ रेत पे लिखा:-
"आज मेरे बड़े भाई ने मुझे मारा "--

अगले दिन 
दोनों फिर समुद्र किनारे
घूमने के लिए  निकले..,
छोटा भाई समुद्र में नहाने लगा
अचानक वो डूबने लगा,
बड़े भाई ने उसे बचाया
छोटे भाई ने पत्थर पे लिखा :-
" आज मेरे भाई ने मुझे बचाया " ...

बड़े भाई ने पूछा :- जब मेने तुम्हे मारा
तब तुमने रेत पे लिखा ,   और
जब  तमको  बचाया तो  पत्थर पे लिखा
ऐसा क्यों ?

विवेकशील  छोटे भाई ने जवाब दिया:-
जब  हमे कोई दुःख दे
तो रेत पे लिखना चाहिए   ताकि
वे जल्दी मिट जाये,
परन्तु जब कोई हमारे लिए अच्छा करता हे तो हमें पत्थर पर लिखना चाहिए
जहा मिट ना पाएं ,
✌भाव ये हे की हमे अपने साथ हुई
बुरी घटना को भूल जाना चाहिए, जबकि अच्छी घटना को सदेव याद रखना चाहिए !! 

HOW LONG DOES IT TAKE TO DECOMPOSE

HOW LONG DOES IT TAKE TO DECOMPOSE
Paper Towel - 2-4 weeks
Banana Peel - 3-4 weeks
Paper Bag - 1 month
Newspaper - 1.5 months
Apple Core - 2 months
Cardboard - 2 months
Cotton Glove - 3 months
Orange peels - 6 months
Plywood - 1-3 years
Wool Sock - 1-5 years
Milk Cartons - 5 years
Cigarette Butts - 10-12 years
Leather shoes - 25-40 years
Tinned Steel Can - 50 years
Foamed Plastic Cups - 50 years
Rubber-Boot Sole - 50-80 years
Plastic containers - 50-80 years
Aluminum Can - 200-500 years
Plastic Bottles - 450 years
Disposable Diapers - 550 years
Monofilament Fishing Line - 600 years
Plastic Bags - 200-1000 years

We request you, please share this piece of information in your network as much as you can.
This will create awareness amongst people that Plastic is one of the major reasons related to Global Green House Effect.
- Please Support Green Environment.

Thursday, October 22, 2015

श्रीराम के इकतीस बाण और हमारा जीवन।

श्रीराम के इकतीस बाण और हमारा जीवन।

श्री भगवन के जीवन चरित का प्रत्येक प्रसंग हमारे जीवन को राह बताने के लिए हैं। प्रभु कृपा करके अवतरित होते है और हमें सन्मार्ग दिखा कर हमें कृतार्थ करते हैं।

तपोभूमि भारत के कण कण में जो संसकार आज दिखते है वह उन ऋषि मुनियो की तपस्या का परिणाम ही है जिन्होंने अलौलिक प्रसंगों का गहन अध्ययन कर उनकी सरल शब्दों में मीमांसा की।

श्रीराम द्वारा चलाये गए कुल 31 में से एक ने रावण की नाभि पर वार कर रावण वध किया था परंतु प्रत्येक बाण ने एक उद्देश्य को भी पूर्ण किया था।

यह एक संयोग है कि दशानन के दस शीश व बीस भुजाये थी अथार्त युद्ध संचालन में वह 30 अंगो को काम में ले रहा था। रावणवध हेतु श्रीराम ने जो 31 बाण चलाये उनमे से दस बाणो ने दस शीशो व बीस बाणों ने बीस भुजाओं का विच्छेदन किया व अंतिम बाण ने दशानन की नाभि में स्थित अमृत को सोख लिया था।

"सायक एक नाभि सर सोखा।
अपर लगे भुज सर करि रोषा।।"

इसी प्रकार विदित है कि प्रत्येक वर्ष में 12 माह और प्रत्येक माह में तीस अथवा इकतीस दिवस होते हैं।वर्ष के सात माह इकतीस दिवस व पांच माह तीस दिवस के होते हैं।

हमें प्रत्येक दिवस को एक बाण की तरह प्रयोग में लाकर एक सकारात्मक लक्ष्य रोज़ाना प्राप्त करना चाहिए। जीवन में सदैव सफल हो ये आवश्यक नहीं परन्तु सफलता की दिशा में रोज़ प्रयास हो यह आवश्यक हैं।

Law of the Garbage Truck

Law of the Garbage Truck

This has to be one of the best messages I have   received because  when you sit and think about it.... It is so true!  

One day I hopped in a taxi and we took  off for the airport. We were driving in the  right lane when suddenly a black car jumped out of a parking space right in  front of us.

My taxi driver slammed on his brakes, skidded  and missed the other car by just  inches!

The driver of the other car whipped his head around and started  yelling at us.  My taxi driver just smiled and waved at  the guy. I mean, he was really friendly.

So I asked, 'Why did you just do  that? This guy could almost ruin your car  and sent us to the hospital!'

This is when my taxi driver taught me what I now call, 'Law of the Garbage  Truck'  

He explained that many people are like  garbage trucks. They run around full of  garbage, full of frustration, full of anger, and full of disappointments. As and when  their  garbage piles up, they need a place to dump it and sometimes they'll dump it on you.

Don't take it personally. Just smile, wave, wish them well, and move  on. Don't take their garbage and spread it to  other people at work, at home, or on the streets. The bottom line is that successful people do not let garbage trucks take over their  day.

Life's too short to wake up in the morning with regrets, So ... Love the people who treat you  right. Pray for the ones who don't.

Life is 10  %  what you make it.

AND

90 %  how you take it!

Have a garbage-free Life