Sunday, October 11, 2015

12 को है सोमवती अमावस्या

12 को है सोमवती अमावस्या, 5 मिनिट के ये उपाय बदलेंगे किस्मत -

शास्त्रों में सोमवती अमावस्या का बड़ा ही महत्व बताया गया है। यदि सोमवती अमावस्या श्राद्ध पक्ष में आती हो तो यह जीवन के सबसे उत्तम क्षणों में होता है जब व्यक्ति अपने आप पर आने वाली बड़ी से बड़ी समस्या का स्वयं ही समाधान कर सकता है। सोमवार चन्द्रमा को समर्पित है, जिन्हें ज्योतिष में मन का कारक माना जाता है।

निर्णय सिंधु व्यास के वचनानुसार इस दिन मौन रहकर स्नान-ध्यान करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है। हिन्दु धर्म शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गई है। अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष। इस दिन पीपल की सेवा, पूजा, परिक्रमा का अति विशेष महत्व है। इस बार सोमवती अमावस्या 12 अक्टूबर को है जोकि श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन भी है, आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपाय जिन्हें इस दिन करके हम अपने भाग्य को बदल सकते हैं।

(1) श्राद्ध में आने वाली सोमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों के नाम पर दान-पुण्य करना चाहिए। विशेष रूप से गाय, भिखारी तथा छोटे बच्चों को खाना खिलाने से पितृ दोष दूर होते हैं। आने वाले सभी संकट टलते हैं। यदि संभव हो तो उन्हें दक्षिणा भी दान करें।

(2) सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव का पूजन करने से भी सभी मनोरथ पूरे होते हैं। इस दिन की पूजा तथा मंत्रजाप से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ अकालमृत्यु को भी टाल देते हैं।

(3) इस दिन पीपल के पूजन में दूध, दही, मीठा, फल, फूल, जल, जनेऊ जोड़ा चढ़ाने और दीप दिखाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है पीपल के मूल में भगवान विष्णु, तने में भगवान शिव जी तथा अग्रभाग में भगवान ब्रह्मा जी का निवास है। इसलिए सोमवती अमावस्या को पीपल के पूजन से अक्षय पुण्य, लाभ तथा सौभाग्य की वृद्धि होती है।

No comments:

Post a Comment