Tuesday, October 6, 2015

यमदूत या कुछ और.....

मुम्बई के एक बड़े हॉस्पिटल के आई सी यु में
हर रविवार एक
ही बिस्तर पे ठीक 11 बजे
किसी एक मरीज की मौत हो रही थी ।

उस बेड पर जिस भी मरीज को लिटाया जाता वह रविवार को ठीक 11 बजे मर जाता था ।

हर रविवार उसी बेड पर ठीक
उसी समय हो रही मौत डॉक्टरों की समझ से परे थी ।

अंत में डॉक्टर ये मानने को मजबूर हो गए की ज़रूर ये
किसी अलौकिक शक्ति या भूत प्रेत या चुड़ैल की
वजह से हो रहा है ।

मौत के कारण का पता
लगाने के लिए
विश्वस्तरीय डॉक्टरों की
एक टीम गठित
की गई  ।

टीम को अगले रविवार का बेसब्री से इंतज़ार था ।

अगले रविवार सुबह 11 बजे से
कुछ मिनट पहले ही सारे डॉक्टर और नर्स और बेड के चारों ओर खड़े हो गए ।

सब के सब मौत का कारण जानने  के  लिए  अत्यंत उत्सुक  थे ।

भूत प्रेत का भय उनके चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रहा था ।

किसी अनहोनी की आशंका से उन सब की बोलती बंद हो गई थी ।

11 बजने ही वाले थे ..........
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तभी
अचानक
आई . सी . यू .
के
दरवाजे
के
हैंडिल
खटकने
की
आवाज
हुई ।
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सबकी 
जान 
सांसों 
में
अटक
गई ।
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चरमराहट 
की
आवाज
के
साथ
दरवाजा
खुला  ।
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सभी
लोगों
के
बदन
पसीने
से
नहा
चुके
थे
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दरवाजे
के
अंदर
एक
सफ़ेद
साडी
में
लिपटी
औरत
ने
प्रवेश
किया
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सभी
देखने
वालो
के
गले
के
नीचे
थूक
तक
नहीं
उतर
रहा
था
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और वह पार्ट टाइम स्वीपर
आई . सी .  यू .  में दाखिल होती है , और उस बेड के लाइफ
सपोर्ट सिस्टम का प्लग हटाकर
अपना मोबाइल चार्ज पे लगा देती है.

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