Sunday, September 18, 2016

Jokes unlimited

रामायण में एक पात्र था “बाली” 

बाली के सामने जो भी जाता था...
उसका आधा बल *बाली* में चला जाता था।

तभी... मुझे तुरंत याद आया कि...
ऐसा तो बिल्कुल मेरे साथ भी होता हैं...

क्योंकि...

जैसे ही मैं घरवाली के सामने जाता हूँ...
मुझे काफी कमजोरी सी लगने लगती हैं..
और चक्कर भी आने लगते हैं...
 
ऐसा लगता कि “बाली” कहीं न कहीं इस युग में,
*"घर-बाली"* के रूप में अवतरित हो गये हैं।

एक आदमी ने मुझसे पूछा .... भाई साहब जूते कंहा
मिलेंगे..?

मैंने कहा....हर जगह मिल सकते हैं ।

बस आप में वो गुण होने
चाहिए

बीवी:-अजी सुनते हो ,,,,,,,,,
,
खुशनसीब को इंग्लिस में क्या कहते हैं
,
,
पति:-अनमैरिड
,
,दे बेलन ,,,दे चिमटा ....
एक लड़की अपने प्रोफेसर के कमरे में गयी और बोली...

मै पास होने के लिये कुछ भी करने को तैयार
हूँ....
.
प्रोफेसर- कुछ भी...??
.
लड़की- हाँ कुछ भी....
.
.
प्रोफेसर- तो पढ़ ले बेटी...

बीवी – सुनो जी, जब हमारी नयी नयी शादी हुई थी तो जब मैं खाना बना कर लाती थी तो तुम खुद कम खाते थे, मुझे ज्यादा खिलाते थे।

पति - तो ?

बीवी – तो अब ऐसा क्यों नहीं करते ?

पति – क्यूंकि अब तुम अच्छा खाना बनाना सीख गयी हो....

बीवी बेहोश
भारतीय नारी आज बहूत टैन्शन मे है ?

क्या करें कुछ समझ मे नही आता  

मंगलसूत्र पहनो तो "चोरों" की नजर

न पहनो तो "छोरों" की नजर

    भारतीय नारी

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