Friday, September 2, 2016

पैसा , तेरे कितने नाम !

वाह रे पैसा , तेरे कितने नाम !!!

मंदिर मे दिया जाये तो ( चढ़ावा ) ..,

स्कुल में ( फ़ीस ) ..,

शादी में दो तो ( दहेज ) ..,

तलाक देने पर ( गुजारा भत्ता ) ..,

आप किसी को देते हो तो ( कर्ज ) ..,

अदालत में ( जुर्माना )..,.

सरकार लेती है तो ( कर ) ..,

सेवानिवृत्त होने पे ( पेंशन ) ..,

अपहर्ताओ के लिएं ( फिरौती ) ..,

होटल में सेवा के लिए ( टिप ) ..,.

बैंक से उधार लो तो ( ऋण ) ..,

श्रमिकों के लिए ( वेतन ) ..,

मातहत कर्मियों के लिए ( मजदूरी ) ..,

अवैध रूप से प्राप्त सेवा ( रिश्वत ) ..,

और मुझे दोगे तो ( गिफ्ट

)

  *मैं पैसा हूँ:!*

मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।

  *मैं पैसा हूँ:!*

मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।

  *मैं पैसा हूँ:!*
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।

  *मैं पैसा हूँ:!*

मैं नमक की तरह हूँ; जो जरुरी तो है मगर जरुरतसे ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।

  *मैं पैसा हूँ:!*

इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिरभी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।

  *मैं पैसा हूँ:!*

मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ; कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।

  *मैं पैसा हूँ:!*

मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ:! आपके पास नहीं हूँ तो; आपका नहीं हूँ:! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।

  *मैं पैसा हूँ:!*

मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।

  *मैं पैसा हूँ:!*

मैं सारे फसाद की जड़ हूँ; मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं:?।

*विचार कीजिए*

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