Sunday, September 11, 2016

कहाँ है  बुद्धिजीवी....??

लापता बुद्धिजीवी ...
कहाँ है  बुद्धिजीवी....???

Tuesday को  ईद है लेकिन मुझे अभी तक बुद्धिजीवियों की वह फ़ौज नहीं दिखायी दे रही...

जिनके सारे पक्षी मकर संक्राति पर पतंग उड़ाने से मर रहे थे ,

दिवाली के पटाखों से पूरा विश्व प्रदूषित हो जाता है ,

होली खेलने से इतना पानी बर्बाद हो जाता है कि पूरा विश्व संभवतः प्यासा मरने की कगार पर पहुँचने ही वाला होता है,

सरस्वती पूजा एवं गणेश उत्सव में मूर्ति विसर्जन से नदी प्रदूषित होती है,

शिवरात्रि पर दुध का व्यय होता है,

नवरात्रि पर आवाज़ का प्रदूषण रात को 12 बजे के बाद बंद...

शनिजयंती को तेल का व्यय,

बहुत चिंता होती है इन बुद्धिजीवियों को देश की, समाज  की,

पर्यावरण की ...भई नमन है इन तथाकथित बुद्धिजीवियों को । परन्तु एक सवाल अब तक मरे मन को विचलित कर रहा है कि...

ईद पर अनगिनत बेजुबान को क़त्ल कर दिया जायेगा...

फिर उनके खून को साफ़ करने के लिए लाखों लीटर पानी बहाया जायेगा,

इन बेजुबानों की हड्डियों को नदियों में एवं इधर - उधर फेंक कर बदबू फैलाई जायेगी... 

तो इन बेजुबानों को बचाने के लिए इन महान बुद्धिजीवियों की अपील क्यों नहीं आई ??

सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक एक भी बुद्धिजीवी मुझे ये कहता या किसी को ये समझाता नजर नहीं आया कि इको-फ्रेंडली ईद मनाओ,

मिट्टी का या लकड़ी का बकरा बनाओ,

बेजुबानो को मत काटो

क्यों नही, बोल रहे हो ? क्या सारा ज्ञान केवल हिंदुओं के पर्वों पर ही उमड़ता है ?

क्या इन बेजुबान कटते जानवरो के लिए तुम्हारा दिल नहीं रोता जिन्हें जानबूझकर क़त्ल किया जायेगा सिर्फ दावतें उड़ाने को,

अगर सच में तुम्हें इतनी चिंता है तो एक बार तो अपील कर दो इनको बचाने की...

गरीबी

एक पाँच साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर मंदिर के एक तरफ कोने में बैठा हाथ जोडकर भगवान से न जाने क्या मांग रहा था.
कपड़े में मेल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे।
बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था।
जैसे ही वह उठा एक अजनबी ने बढ़ के उसका नन्हा सा हाथ पकड़ा और पूछा-
"क्या मांगा भगवान से"
उसने कहा-
"मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग,
मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र,
मेरी बहन माँ से कपडे सामान मांगती है उसके लिए पैसे"।
"तुम स्कूल जाते हो"
अजनबी का सवाल स्वाभाविक सा सवाल था।
"हां जाता हूं" उसने कहा।
"किस क्लास में पढ़ते हो ?" अजनबी ने पूछा
"नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, मां चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ, बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है" बच्चे का एक एक शब्द मेरी रूह में उतर रहा था ।
"तुम्हारा कोई रिश्तेदार"
न चाहते हुए भी अजनबी बच्चे से पूछ बैठा।
"पता नहीं, माँ कहती है गरीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता,
माँ झूठ नहीं बोलती,
पर अंकल,
मुझे लगता है मेरी माँ कभी कभी झूठ बोलती है,
जब हम खाना खाते हैं हमें देखती रहती है,
जब कहता हूँ
माँ तुम भी खाओ, तो कहती है मेंने खा लिया था, उस समय लगता है झूठ बोलती है "
"बेटा अगर तुम्हारे घर का खर्च मिल जाय तो पढाई करोगे ?"
"बिल्कुलु नहीं"
"क्यों"
"पढ़ाई करने वाले गरीबों से नफरत करते हैं अंकल,
हमें किसी पढ़े हुए ने कभी नहीं पूछा - पास से गुजर जाते हैं"
अजनबी हैरान भी था और शर्मिंदा भी।
फिर उसने कहा
" हर दिन इसी इस मंदिर में आता हूँ, कभी किसी ने नहीं पूछा - यहा सब आने वाले मेरे पिताजी को जानते थे - मगर हमें कोई नहीं जानता
"बच्चा जोर-जोर से रोने लगा" अंकल जब बाप मर जाता है तो सब अजनबी क्यों हो जाते हैं ?"
मेरे पास इसका कोई जवाब नही था और ना ही मेरे पास बच्चे के सवाल का जवाब है।
ऐसे कितने मासूम होंगे जो हसरतों से घायल हैं
बस एक कोशिश कीजिये और अपने आसपास ऐसे ज़रूरतमंद यतिमो, बेसहाराओ को ढूंढिये और उनकी मदद किजिए......................... मंदिर मे सीमेंट या अन्न की बोरी देने से पहले अपने आस - पास किसी गरीब को देख लेना शायद उसको आटे की बोरी की ज्यादा जरुरत हो।

आपको प्रसंद आऐ तो सब काम छोडके ये मेसेज कम से कम एक या दो गुरुप मे जरुर डाले |
कही किसी गुरुप मे कोई ऐसा देवता ईन्सान मील जाऐ
कही ऐसे बच्चो को अपना भगवान मिल जाए |
कुछ समय के लिए एक गरीब बेसहारा कि आँख मे आँख डालकर देखे आपको क्या मेहसूस होता है
फोटो या विडियो भेजने कि जगह ये मेसेज कम से कम एक या दो गुरुप मे जरुर डाले|

*स्वयं में व समाज में बदलाव लाने के प्रयास जारी रखें।*
धन्यवाद

Saturday, September 10, 2016

तुलना से बचें

चिंतनमाला

चील की ऊँची उड़ान देखकर चिड़िया कभी डिप्रेशन
में नहीं आती,
वो अपने आस्तित्व में मस्त रहती है,
मगर इंसान, इंसान की ऊँची उड़ान देखकर बहुत जल्दी
चिंता में आ जाते हैं।
*तुलना से बचें और खुश रहें*

ना किसी से ईर्ष्या , ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजिलें मेरी अपनी दौड़..!!

Friday, September 9, 2016

जीत पक्की है

जीत पक्की है

कुछ करना है, तो डटकर चल।
         *थोड़ा दुनियां से हटकर चल*।
लीक पर तो सभी चल लेते है,
      *कभी इतिहास को पलटकर चल*।
बिना काम के मुकाम कैसा?
          *बिना मेहनत के, दाम कैसा*?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
        *तो राह में, राही आराम कैसा*?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
          *ना कोई बहाना रख*।
जो लक्ष्य सामने है, 
बस उसी पे अपना ठिकाना रख।
          *सोच मत, साकार कर*,
अपने कर्मो से प्यार कर।
          *मिलेंगा तेरी मेहनत का फल*,
किसी और का ना इंतज़ार कर।
    *जो चले थे अकेले*
       *उनके पीछे आज मेले हैं*।
    जो करते रहे इंतज़ार उनकी
  जिंदगी में आज भी झमेले है!

Thursday, September 8, 2016

आईना


बहुत पुरानी बात है ....
एक अफ्रीकन  अपने परिवार के साथ जंगल में ही रहता था ....
उसने और उसके परिवार ने कभी आईना नहीं देखा था ...
एक दिन जंगल में उसे शीशा मिल गया...
उसमें खुद को देखकर समझा कि उसके बाप की तस्वीर है...
और वो उसे अपने घर ले गया और रोज बातें करने लगा...
उसकी बीवी को शक़ हुआ...
एक दिन जब उसका पति घर से बाहर गया हुआ था तब उसने वो शीशा निकाला...
खुद अपनी शक्ल देखकर बोली :
'अच्छा...
तो ये है वो कल-मूही
जिस से मेरा पति रोज़ बातें करता है '
उसने शीशा अपनी सास को दिखाया,
तो सास बोली :
'चिंता मत कर...
शुक्र मना...
बुड्ढी है ,
जल्दी ही मर जाएगी' ...

नाराज हो जाओ तो

किसी से नाराज हो जाओ तो बस इतने
फासले पर ही होना जो -
एक कदम...
एक स्पर्श....
एक मुस्कुराहट...
एक आंसू.....
एक शब्द
या
प्रेम से भरी एक नजर से सब कुछ
भूल कर वापस और सम्बन्ध सोहाद्र-पूर्ण हो जाए।
जीवन का क्या भरोसा,
ना जाने कौनसी साँस आख़री हो।
हम क्या साथ लाए थे और साथ क्या ले जाएंगे!
इसीलिए सारी कड़वाहटों को यहीं मिटाना है और
अच्छी यादों के साथ निकल जाना है।!!

Sunday, September 4, 2016

मुस्कुराहट का महत्व

*मुस्कुराहट का महत्व*

_*अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।_*

_*अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।*_

_*अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।*_

_*अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।*

_*अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा।_*

_*अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।*

_*कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।_*

_*मुस्कुराइए, क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है।_*

_*मुस्कुराइए, क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी।_*

_*मुस्कुराइए, क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा।_*

_*मुस्कुराइए, क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।”_*

_*मुस्कुराइए ,क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।”*_

_*मुस्कुराइए, क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है।”*_

_*मुस्कुराइए, क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है”*

       *और सबसे बड़ी बात*

_*"मुस्कुराइए, क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता।”*_

*_इसलिए स्वयं भी मुस्कुराए और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाएं,_*
_*यही जीवन है।*_

_*आनंद ही जीवन है।।*_

।।।।