*इस सन्देश को धीमी गति से सावधानीपूर्वक पढ़ें क्योंकि यह हमारे जीवन के लिए अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है।*
सुखमय वृद्धावस्था के लिए 11 विधियां....
*1* अपने स्वयं के स्थान पर रहो ताकि स्वतंत्रता और गोपनीयता पूर्वक जीवन जीने का आनंद ले सकें।
*2* अपना बैंक बेलेंस और भौतिक अमूल्य संपत्ति सदा अपने पास रखो।
*3* अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर मत रहो कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है।
*4* उन लोगों को अपने मित्र समूह में शामिल करें जो आपके जीवन जीने में सहयोगी बन सकते हैं।
*5* किसी के साथ तुलना नहीं करें और किसी से कोई उम्मीद ना रखें।
*6* अपनी संतानो के जीवन में दखल अन्दाजी ना करें। उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें।
*7* अपनी वृद्धावस्था को आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने, सम्मान पाने का प्रयास ना करें।
*8* लोगों की बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें।
*9* प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगे, यहाँ तक कि भगवान से भी नहीं। अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफ़ी।
अंतिम 2 बातें और.....
*10* अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें। चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टिक भोजन खाएं और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें।
*11* अपने जीवन से कभी थकें नहीं।
याद रखें जब तक आप जीना शुरू नहीं करते हैं तब तक आप जीवित नहीं हैं।
*खुशनुमा जीवन की शुभकामनाओं के साथ*
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