Monday, October 19, 2015

सुनने कि आदत डालो

सुनने कि आदत डालो,
ताने मारने वालों की
कमी नही है.......

मुस्कराने की आदत डालो,
रुलाने वालों की
कमी नही है.......

ऊपर उठने की आदत डालो,
टाँग खिचनें वालो की
कमी नही है.......

प्रोत्साहित करने की आदत
डालो,
हतोत्साहित करने वालो की
कमी नही है......

गलत का विरोध करने की आदत डालो,
सत्य का साथ देने वालो की भी
कमी नही है........

L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी "एक्सपायरी डेट" होती है।

L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी "एक्सपायरी डेट" होती है।
एक्सपायरी डेट निकलने के बाद गैस सिलेण्डर को इस्तेमाल करना बम की तरह खरतनाक हो सकता है। आमतौर पर गैस सिलेण्डर की रिफील लेते समय उपभोक्ताओं का ध्यान इसके वजन और सील पर ही होता है।
उन्हें सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट की जानकारी ही नहीं होती।
इसी का फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने वाली कंपनियां उठाती हैं और धड़ल्ले से एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रिफील कर हमारे घरों तक पहुंचाती हैं।
यहीं कारण है कि गैस सिलेण्डरों से हादसे होते हैं।
~कैसे पता करें एक्सपायरी डेट~
सिलेण्डर के उपरी भाग पर उसे पकड़ने के लिए गोल रिंग होती है और इसके नीचे तीन पट्टियों में से एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट अंकित होती है। इसके तहत अंग्रेजी में A, B, C तथा D अक्षर अंकित होते है तथा साथ में दो अंक लिखे होते हैं।
A अक्षर साल की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च),
B साल की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून),
C साल की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर)
तथा
D साल की चौथी तिमाही अर्थात अक्टूबर से दिसंबर को दर्शाते हैं।
इसके बाद लिखे हुए दो अंक एक्सपायरी वर्ष को संकेत करते हैं।
यानि यदि सिलेण्डर पर A 11 लिखा हुआ हो तो सिलेण्डर
की एक्सपायरी मार्च 2011 है। इस सिलेण्डर का "मार्च 2011" के बाद उपयोग करना खतरनाक होता है।
इस प्रकार के सिलेण्डर बम की तरह कभी भी फट सकते हैं।
ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे इस प्रकार के
एक्सपायर सिलेण्डरों को लेने से मना कर दें तथा आपूर्तिकर्त्ता एजेंसी को इस बारे में सूचित करें !
(एक्शन फॉर सोशल एन्ड ह्यूमन एडवांसमेंट द्वारा जनहित में जारी)

Sunday, October 18, 2015

बाबर और राणा सांगा

बाबर और राणा सांगा में भयानक युद्ध चल रहा था!
बाबर ने युद्ध में पहली बार तोपों का इस्तेमाल किया था ! उन दिनों युद्ध केवल दिन में लड़ा जाता था, शाम के समय दोनों तरफ के सैनिक अपने अपने शिविर
में आराम करते थे ! फिर सुबह युद्ध होता था !
लड़ते लड़ते शाम हो चली थी दोनों तरफ के सैनिक अपने शिविर में भोजन कर रहे थे !
बाबर टहलते हुवे अपने शिविर के बाहर खड़ा दुश्मन सेना के कैम्प को देख रहा था तभी उसे राणा सांगा की सेना के शिविरों से कई जगह से धुंआ उठता दिखाई दिया!
बाबर को लगा की दुश्मन के शिविर में आग लग गई है उसने तुरंत अपने सेनापति मीर बांकी को बुलाया और पूछा की देखो दुश्मन के शिविर में आग लग गई है ! शिवीर में पचासों जगहों से धुंआ निकल रहा हैं ।
सेनापति ने अपने गुप्तचरों को आदेश दिया जाओ पता लगाओं की दुश्मन के सैन्य शिविर से इतनी बड़ी संख्या में इतनी जगहों से धूंओ का गुबार क्यों निकल रहा है ?
गुप्तचर कुछ देर बाद लौटे उन्होंने बताया हुजुर दुश्मन सैनिक सब हिन्दू हैं वो एक साथ एक जगह बैठकर खाना नहीं खाते ।सेना में कई जात के सैनिक है जो
एक दुसरे का छुवा नहीं खाते इसलिए सब अपना अपना भोजन अलग अलग बनाते हैं अलग अलग खाते हैं ।एक दुसरे
का छुवा पानी तक नहीं पीते।
ये सुनकर बाबर खूब जोर से हंसा काफी देर हसने के बाद उसने अपने सेनापति से कहा .मीर बांकी फ़तेह हमारी ही होगी !
ये क्या हमसे लड़ेंगे, जो सेना एक साथ
मिल बैठकर खाना तक नहीं खा सकती वो एक साथ मिलकर दुश्मन के खिलाफ कैसे लड़ेगी ?
बाबर सही था
तीन दिनों में राणा सांगा की सेना मार दी गई और बाबर ने मुग़ल शासन की नीव रखी। लेकिन हिन्दू आज भी उतने ही बेवकूफ है जितने पहले थे

                  «सत्य यही है»

फिल्मों के 10 संवाद : ये आपको कहीं हिम्मत नहीं हारने देंग

फिल्मों के 10 संवाद :
ये आपको कहीं हिम्मत नहीं हारने देंगे
1- 3 Idiots:
काबिल हो जा मेरे बच्चे, कामयाबी तुम्हारे पीछे झक मार कर आएगी.
2 - Dhoom 3:

जो काम दुनिया को नामुमकिन लगे, वही मौका होता है करतब दिखाने का.
3 - Badmaash Company:

बड़े से बड़ा बिजनेस पैसे से नहीं, एक बड़े आइडिया से बड़ा होता है.
4 - Yeh Jawaani Hai Deewani:
मैं उठना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं, गिरना भी चाहता हूं....बस रुकना नहीं चाहता .
5 - Sarkar:

नजदीकी फायदा देखने से पहले दूर का नुकसान सोचना चाहिए.
6 - Namastey London:

जब तक हार नहीं होती ना....तब तक आदमी जीता हुआ रहता है.
7 - Chak De! India:

वार करना है तो सामने वाले के गोल पर नहीं, सामने वाले के दिमाग पर करो..गोल खुद ब खुद हो जाएगा.
8 - Mary Kom:

कभी किसी को इतना भी मत डराओ कि डर ही खत्म हो जाए.
9 - Jannat:

जो हारता है, वही तो जीतने का मतलब जानताI है.
10 - Happy New Year:
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं विनर और लूजर...लेकिन जिंदगी हर लूजर को एक मौका जरूर देती है जिसमें वह विनर बन सकता है.

मेरा भविष्य भी पानी..

हारना तब आवश्यक हो जाता है।
जब लड़ाई "अपनों" से हो !
और जीतना तब आवश्यक हो जाता है।
जब लड़ाई "अपने आप " से हो ! !
मंजिले मिले , ये तो मुकद्दर की बात है।
हम कोशिश ही न करे ये तो गलत बात है।
किसी ने बर्फ से पुछा की,
आप इतने ठंडे क्यूं हो ?
बर्फ ने बडा अच्छा जवाब दिया :-
" मेरा अतीत भी पानी;
मेरा भविष्य भी पानी..."
फिर गरमी किस बात पे रखु ??

शख्शियत पर अहंकार हो

जब भी अपनी शख्शियत पर अहंकार हो,
एक फेरा शमशान का जरुर लगा लेना।

और....

जब भी अपने परमात्मा से प्यार हो,
किसी भूखे को अपने हाथों से खिला देना।

जब भी अपनी ताक़त पर गुरुर हो,
एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना।

और….

जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो,
अपने माँ बाप के पैर जरूर दबा देना।

जीभ जन्म से होती है और मृत्यु तक रहती है क्योकि वो कोमल होती है.

दाँत जन्म के बाद में आते है और मृत्यु से पहले चले जाते हैं...  
  क्योकि वो कठोर होते है।

छोटा बनके रहोगे तो मिलेगी हर
बड़ी रहमत...
बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतार
देती है..
किस्मत और पत्नी
भले ही परेशान करती है लेकिन
जब साथ देती हैं तो
ज़िन्दगी बदल देती हैं.।।

"प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च करना होगा।

विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च करनी होगी।

साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा।

किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं ।
मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती ।

एक साँस भी तब आती है,
जब एक साँस छोड़ी जाती है!!"?.: 
नंगे पाँव चलते “इन्सान” को लगता है
कि “चप्पल होते तो अच्छा होता”
बाद मेँ……….
“साइकिल होती तो कितना अच्छा होता”
उसके बाद में………
“मोपेड होता तो थकान नही लगती”
बाद में………
“मोटर साइकिल होती तो बातो-बातो मेँ
रास्ता कट जाता”

फिर ऐसा लगा की………
“कार होती तो धूप नही लगती”

फिर लगा कि,
“हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझट
नही होता”

जब हवाई जहाज में बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदान
देखता है तो सोचता है,
कि “नंगे पाव घास में चलता तो दिल
को कितनी “तसल्ली” मिलती”…..

” जरुरत के मुताबिक “जिंदगी” जिओ – “ख्वाहिश”….. के
मुताबिक नहीं………

क्योंकि ‘जरुरत’
तो ‘फकीरों’ की भी ‘पूरी’ हो जाती है, और
‘ख्वाहिशें’….. ‘बादशाहों ‘ की भी “अधूरी” रह जाती है”…..

“जीत” किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए
‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए…

जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन
फिर ये इतना “अहंकार” किसके लिए…

ए बुरे वक़्त !
ज़रा “अदब” से पेश आ !!
“वक़्त” ही कितना लगता है
“वक़्त” बदलने में………

मिली थी ‘जिन्दगी’ , किसी के
‘काम’ आने के लिए…..
पर ‘वक्त’ बीत रहा है , “कागज” के “टुकड़े” “कमाने” के लिए………
               ,           ❤❤❤❤❤     लक्ष्मण तिवारी etv पत्रकार

Saturday, October 17, 2015

Your belongings

Pls share this beautiful message with everyone to know the meaning of life !!!

A man died...

When he realized it, he saw God coming closer with a suitcase in his hand.

Dialog between God and Dead Man:

God: Alright son, it’s time to go

Man: So soon? I had a lot of plans...

God: I am sorry but, it’s time to go

Man: What do you have in that suitcase?

God: Your belongings

Man: My belongings? You mean my things... Clothes... money...

God: Those things were never yours, they belong to the Earth

Man: Is it my memories?

God: No. They belong to Time

Man: Is it my talent?

God: No. They belong to Circumstance

Man: Is it my friends and family?

God: No son. They belong to the Path you travelled

Man: Is it my wife and children?

God: No. they belong to your Heart

Man: Then it must be my body

God: No No... It belongs to Dust

Man: Then surely it must be my Soul!

God: You are sadly mistaken son. Your Soul belongs to me.

Man with tears in his eyes and full of fear took the suitcase from the God's hand and opened it...

Empty...

Heartbroken and with tears flowing down his cheeks he asks God...

Man: I never owned anything?

God: That’s Right. You never owned anything.

Man: Then? What was mine?

God: your MOMENTS.
Every moment you lived was yours.

Do Good in every moment
Think Good in every moment
Thank God for every moment

Life is just a Moment.

Live it...
Love it...
Enjoy it....