Tuesday, April 19, 2016

Never Forget Your Past.

BILL GATES in a restaurant.
.
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After eating, he gave 5$ to the waiter as a tip.
The waiter had a strange feeling on his face after the tip.
.
Gates realized & asked, "What happened?"
.
Waiter: " I'm just amazed B'coz on the same table ur daughter gave Tip Of... 500$... & u her Father, richest man in the world Only Gave 5$...? "
.
Gates Smiled & Replied With Meaningful words,
"She is daughter of the world's richest man, but i am the son of a wood cutter."
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Moral:- Never Forget Your Past. It's Your Best Teacher.

Friday, April 15, 2016

जीवन मृत्यु

भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।
द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर
चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा
को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर
एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।
चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे
विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।
उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से
पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की
द्रष्टि से देखा। गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत
निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने
साथ यमलोक ले जाएँगे।

गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर
चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने
पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक
जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद
बापिस कैलाश पर आ गया।

आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया
कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी
नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने
उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो
चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर
एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था
कि वो इतनी जलदी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब
जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी
होगी।"

गरुड़ समझ गये "मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी
भी चतुराई की जाए।"

इस लिए कृष्ण कहते है।
करता तू वह है
जो तू चाहता है
परन्तु होता वह है
जो में चाहता हूँ
कर तू वह
जो में चाहता हूँ
फिर होगा वो
जो तू चाहेगा ।
  जीवन के 6 सत्य:-
1. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि..लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं..
2. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि...श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते....
3. आप कितने भी लम्बे क्यों न हों , मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते....
4. कोई फर्क नहीं पड़ता कि , आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है
क्योंकि...अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है...
5 . कोई फर्क नहीं पड़ता कि " आप " नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्यूंकि ..." आप " पर हंसने के लिए दुनिया खड़ी है ?
6. कोई फर्क नहीं पड़ता कि ,आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि...घर के बाथरूम तक आपको चल के ही जाना पड़ेगा...
इसलिए संभल के चलिए ... ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसते काटिये , आनंद आएगा ।।

Uff housewifes

वो रोज़ाना की तरह आज फिर ईश्वर का नाम लेकर उठी ।किचिन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया फिर बच्चों को जगाया ताकि वो स्कूल के लिए तैयार हो सकें ।
फिर उसने किचिन में जाकर चाय निकाली..
अपने सास ससुर को देकर आयी फिर उसने बच्चों का नाश्ता तैयार किया और बीच बीच में बच्चों को ड्रेस पहनाई और फिर बच्चों को नाश्ता कराकर उनके स्कूल का लंच तैयार करने लगी ।
     इस बीच बच्चों के स्कूल का रिक्शा आगये वो बच्चों को रिक्शा तक छोड़ कर आई ।
    वापस आकर मेज़ से बर्तन इकठ्ठा किये ।
    इस बीच पतिदेव की आवाज़ आई की मेरे कपङे निकाल दो ।  उनको ऑफिस जाने लिए कपङे निकाल कर दिए और वापस आकर फिर पति के लिए नाश्ता तैयार करने लगी ।
  अभी पति के लिए उनकी पसंद का नाश्ता और परांठे तैयार करके टेबिल पर लगाया ही था की छोटी नन्द आई और ये कहकर की भाभी मुझे आज कॉलेज जल्दी जाना है नाश्ता उठा कर ले गयी ।
    वो फिर एक हल्की सी मुस्कराहट के साथ वापस किचिन में आई  इस देवर की आवाज़ आई भाभी नाश्ते तैयार हो गया क्या ।
    जी भाई अभी लायी ।
    ये कहकर उसने फिर से अपने पति और देवर के लिए परांठे तैयार करने शुरू किये ।
      लीजिये नाश्ता तैयार हे।
       पति और देवर ने नाश्ता किया और अखबार पढ़कर अपने अपने ऑफिस के लिए निकल चले ।
   उसने मेज़ से खाली बर्तन समेटे और सास ससुर के लिए उनका परहेज़ का नाश्ता तैयार करने लगी ।
    दोनों को नाश्ता कराने के बाद फिर बर्तन इकट्ठे किये और उनको भी किचिन में लाकर धोने लगी ।
इसबीच सफाई वाली भी आगयी । उसने बर्तन का काम सफाई वाली को सौंप कर खुद बेड की चादरें वगेरा इकट्ठा करने पहुँच गयी और फिर सफाई वाली के साथ मिलकर सफाई में जुट गयी ।
    अब तक 11 बज चुके थे । 
     अभी वो पूरी तरह काम समेट भी ना पायी थी की काल बेल बजी । दरवाज़ा खोला तो सामने बड़ी नन्द और उसके पति व बच्चे सामने खड़े थे । उसने ख़ुशी ख़ुशी सभी को आदर के साथ घर में बुलाया और उनसे बातो में मूसलसल उनके आने की ख़ुशी का इज़हार करती रही ।
     नन्द की फ़रमाईश के मुताबिक़ नाश्ता तैयार करने के बाद अभी वो नन्द के पास बेठी ही थी की सास की आवाज़ आई की बहु खाने का क्या प्रोग्राम हे । उसने घडी पर नज़र डाली तो 12 बज रहे थे ।
     उसकी फ़िक्र बढ़ गयी वो जल्दी से फ्रिज की तरफ लपकी और सब्ज़ी निकाली  और फिर से दोपहर के खाने की तैयारी में जुट गयी ।
      खाना बनाते बनाते अब दोपहर का एक बज चूका था ।
बच्चे स्कूल से आने वाले थे ।
     लो बच्चे आगये ।उसने जल्दी जल्दी बच्चों की ड्रेस उतारी और उनका मुंह हाथ धुलवाकर उनको खाना खिलाया ।
     इस बीच छोटी नन्द भी कॉलेज से आगयी और देवर भी आचुके थे । उसने सभी के लिए मेज़ पर खाना लगाया और खुद रोटी बनाने में लग गयी ।
    खाना खाकर सब लोग फ्री हुवे तो उसने मेज़ से फिर बर्तन जमा करने शुरू करदिये । इस वक़्त तीन बज रहे थे ।
    अब उसको खुदको भी भूख का एहसास होने लगा था ।उसने हॉट पॉट देखा तो उसमे कोई रोटी नहीं बची थी । उसने फिर से किचिन की और रुख किया तभी पतिदेव घर में दाखिल होते हुये बोले की आज देर होगयी भूख बहुत लगी हे जल्दी से खाना लगादो ।
  उसने जल्दी जल्दी पति के लिए खाना बनाया और मेज़ पर खाना लगा कर पति को किचिन से गर्म रोटी बनाकर ला ला कर देने लगी ।
    अब तक चार बज चुके थे ।
     अभी वो खाना खिला ही रही थी की पतिदेव ने कहा की आजाओ तुमभी खालो ।
    उसने हैरत से पति की तरफ देखा तो उसे ख्याल आया की आज मैंने सुबह से कुछ खाया ही नहीं ।
   इस ख्याल के आते ही वो पति के साथ खाना खाने बैठ गयी ।  अभी पहला निवाला उसने मुंह में डाला ही था की आँख से आंसू निकल आये
     पति देव ने उसके आंसू देखे तो फ़ौरन पूछा की तुम क्यों रो रही हो  ।
  वो खामोश रही और सोचने लगी की इन्हें कैसे बताऊँ की ससुराल में कितनी मेहनत के बाद ये रोटी का निवाला नसीब होता हे और लोग इसे मुफ़्त की रोटी कहते हैं ।
    पति के बार बार पूछने पर उसने सिर्फ इतना कहा की कुछ नहीं बस ऐसे ही आंसू आगये ।
     पति मुस्कुराये और बोले कि
    तुम औरते भी बड़ी "बेवक़ूफ़" होती हो । बिना वजह रोना शुरू करदेती हो ।
.....

अपनी पत्नी को सम्मान दीजिए।।

Uff housewifes

वो रोज़ाना की तरह आज फिर ईश्वर का नाम लेकर उठी ।किचिन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया फिर बच्चों को जगाया ताकि वो स्कूल के लिए तैयार हो सकें ।
फिर उसने किचिन में जाकर चाय निकाली..
अपने सास ससुर को देकर आयी फिर उसने बच्चों का नाश्ता तैयार किया और बीच बीच में बच्चों को ड्रेस पहनाई और फिर बच्चों को नाश्ता कराकर उनके स्कूल का लंच तैयार करने लगी ।
     इस बीच बच्चों के स्कूल का रिक्शा आगये वो बच्चों को रिक्शा तक छोड़ कर आई ।
    वापस आकर मेज़ से बर्तन इकठ्ठा किये ।
    इस बीच पतिदेव की आवाज़ आई की मेरे कपङे निकाल दो ।  उनको ऑफिस जाने लिए कपङे निकाल कर दिए और वापस आकर फिर पति के लिए नाश्ता तैयार करने लगी ।
  अभी पति के लिए उनकी पसंद का नाश्ता और परांठे तैयार करके टेबिल पर लगाया ही था की छोटी नन्द आई और ये कहकर की भाभी मुझे आज कॉलेज जल्दी जाना है नाश्ता उठा कर ले गयी ।
    वो फिर एक हल्की सी मुस्कराहट के साथ वापस किचिन में आई  इस देवर की आवाज़ आई भाभी नाश्ते तैयार हो गया क्या ।
    जी भाई अभी लायी ।
    ये कहकर उसने फिर से अपने पति और देवर के लिए परांठे तैयार करने शुरू किये ।
      लीजिये नाश्ता तैयार हे।
       पति और देवर ने नाश्ता किया और अखबार पढ़कर अपने अपने ऑफिस के लिए निकल चले ।
   उसने मेज़ से खाली बर्तन समेटे और सास ससुर के लिए उनका परहेज़ का नाश्ता तैयार करने लगी ।
    दोनों को नाश्ता कराने के बाद फिर बर्तन इकट्ठे किये और उनको भी किचिन में लाकर धोने लगी ।
इसबीच सफाई वाली भी आगयी । उसने बर्तन का काम सफाई वाली को सौंप कर खुद बेड की चादरें वगेरा इकट्ठा करने पहुँच गयी और फिर सफाई वाली के साथ मिलकर सफाई में जुट गयी ।
    अब तक 11 बज चुके थे । 
     अभी वो पूरी तरह काम समेट भी ना पायी थी की काल बेल बजी । दरवाज़ा खोला तो सामने बड़ी नन्द और उसके पति व बच्चे सामने खड़े थे । उसने ख़ुशी ख़ुशी सभी को आदर के साथ घर में बुलाया और उनसे बातो में मूसलसल उनके आने की ख़ुशी का इज़हार करती रही ।
     नन्द की फ़रमाईश के मुताबिक़ नाश्ता तैयार करने के बाद अभी वो नन्द के पास बेठी ही थी की सास की आवाज़ आई की बहु खाने का क्या प्रोग्राम हे । उसने घडी पर नज़र डाली तो 12 बज रहे थे ।
     उसकी फ़िक्र बढ़ गयी वो जल्दी से फ्रिज की तरफ लपकी और सब्ज़ी निकाली  और फिर से दोपहर के खाने की तैयारी में जुट गयी ।
      खाना बनाते बनाते अब दोपहर का एक बज चूका था ।
बच्चे स्कूल से आने वाले थे ।
     लो बच्चे आगये ।उसने जल्दी जल्दी बच्चों की ड्रेस उतारी और उनका मुंह हाथ धुलवाकर उनको खाना खिलाया ।
     इस बीच छोटी नन्द भी कॉलेज से आगयी और देवर भी आचुके थे । उसने सभी के लिए मेज़ पर खाना लगाया और खुद रोटी बनाने में लग गयी ।
    खाना खाकर सब लोग फ्री हुवे तो उसने मेज़ से फिर बर्तन जमा करने शुरू करदिये । इस वक़्त तीन बज रहे थे ।
    अब उसको खुदको भी भूख का एहसास होने लगा था ।उसने हॉट पॉट देखा तो उसमे कोई रोटी नहीं बची थी । उसने फिर से किचिन की और रुख किया तभी पतिदेव घर में दाखिल होते हुये बोले की आज देर होगयी भूख बहुत लगी हे जल्दी से खाना लगादो ।
  उसने जल्दी जल्दी पति के लिए खाना बनाया और मेज़ पर खाना लगा कर पति को किचिन से गर्म रोटी बनाकर ला ला कर देने लगी ।
    अब तक चार बज चुके थे ।
     अभी वो खाना खिला ही रही थी की पतिदेव ने कहा की आजाओ तुमभी खालो ।
    उसने हैरत से पति की तरफ देखा तो उसे ख्याल आया की आज मैंने सुबह से कुछ खाया ही नहीं ।
   इस ख्याल के आते ही वो पति के साथ खाना खाने बैठ गयी ।  अभी पहला निवाला उसने मुंह में डाला ही था की आँख से आंसू निकल आये
     पति देव ने उसके आंसू देखे तो फ़ौरन पूछा की तुम क्यों रो रही हो  ।
  वो खामोश रही और सोचने लगी की इन्हें कैसे बताऊँ की ससुराल में कितनी मेहनत के बाद ये रोटी का निवाला नसीब होता हे और लोग इसे मुफ़्त की रोटी कहते हैं ।
    पति के बार बार पूछने पर उसने सिर्फ इतना कहा की कुछ नहीं बस ऐसे ही आंसू आगये ।
     पति मुस्कुराये और बोले कि
    तुम औरते भी बड़ी "बेवक़ूफ़" होती हो । बिना वजह रोना शुरू करदेती हो ।
.....

अपनी पत्नी को सम्मान दीजिए।।

Tuesday, April 12, 2016

कोशिश

1 - कभी भी ये मत सोचिये कि
        आप कुछ भी नहीं है।
2 - कभी ऐसा भी मत सोचिये कि
        आप ही सब कुछ है।
3 - पर हमेशा ये सोचिये की आप
       कुछ तो है, जो सब कुछ कर
                   सकते है।

             
               "कोशिश"
आखिरी साॅस तक करनी चाहिए,
        "लक्ष्य" या "अनुभव"
       चीजें दोनों ही अच्छे है|

मुस्कुराते रहिए

Wednesday, March 30, 2016

HAPPY AAM SEASON ..

दोंऔरतें एक आम के
     पेड़ के नीचे बैठ कर काफ़ी
     देर से बातें कर रही थीं...

     तभी अचानक पेड़ से एक
     आम नीचे गिरा!

    पहली औरत: अभी तो पेड़ो
     पर आम कच्चे होते है
     तो यह आम कैसे नीचे गिरा?

      इससे पहले कि दूसरी
     औरत कुछ बोलती, आम
     खुद हाथ जोड़कर बोल पड़ा...
   
     'पक गया हूं बहन जी मैं
      इतनी     देर से तुम
      दोनो की बातें सुन सुन कर!'

HAPPY AAM SEASON .........

Thursday, March 10, 2016

7 mysteries Revealed about Shiva

7 mysteries Revealed about Shiva :
1~ Why Snake?
Snakes are a symbol of awareness.
You can't be asleep with a snake around your neck!

2 ~Why Ashes?
To remind you of the impermanence of life; knowing that we live life fully.

3 ~Is the Moon an Ornament?
The moon and the mind are connected. To be happy in all phases of life, you have to have a say over the mind.

4~ Why Damru?
It has the same shape as the symbol of infinity. Shiva is the unbound infinite consciousness!

5~ Trishul - A Weapon?
Shiva rules over the three gunas represented in the trishul. Yet he encourages everyone to do their dharma - to act and stand up for truth.

6 ~Blue Bodied
The sky is limitless and so is Shiva.
The sky is blue and Shiva is blue too.

7 ~What about Ganga?
Ganga represents gyan (knowledge). Wisdom dawns naturally when you are established in the Shiva.